काले धन की घोषणा के अवसर का उपयोग करो, चैन की नींद लो : जेटली
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारत में कालाधन रखने वाले लोगों को ‘गंभीर संकट’ की चेतावनी देते हुए कहा कि वे कर अदा करें और चैन की नींद सोएं. हैं.
फाइल फोटो |
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारत में कालाधन रखने वाले लोगों को ‘गंभीर संकट’ की चेतावनी देते हुए कहा कि बेहिसाबी धन
रखने वाले लोगों के पास अपनी संपत्ति की घोषणा के लिए एक सीमित अवधि की ‘खिड़की’ खोली गयी है जिसका इस्तेमाल कर वे चैन की नींद सो सकते
हैं.
यह खिड़की बुधवार को खुल रही है.
चार महीने तक खुली रहने वाली यह आय घोषणा योजना-2016 के तहत पहली जून से लोगों को देश के अंदर की अघोषित धन संपत्ति का विवरण
प्रस्तुत कर उसे नियमानुसार दुरूस्त कराने की सुविधा मिलेगी. इसके तहत वे कुल मिला कर 45 प्रतिशत कर और जुर्माना अदा कर अपना हिसाब
साफसुथरा कर सकते हैं.
जेटली ने कहा, ‘बुधवार से यह सुविधा खुल रही है. मैं कालाधन रखने वाले सभी लोगों को सलाह देता हूं कि वे कर अदा करें और चैन की नींद सोएं. अन्यथा जिस तरह बातें ज्यादा से ज्यादा सामने आ रही हैं, उसमें वे गंभीर संकट में फंस सकते हैं.’
जेटली छह दिन की जापान यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा कि यह अनुपालन खिड़की सिर्फ कंपनियों के लिए नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है
जिनके पास बेहिसाबी धन है.
उन्होंने कहा, ‘जब विदेशी संपत्तियों पर कालाधन कानून पारित हुआ, मैंने कहा था कि इसकी घोषणा करें और चैन की नींद सोएं. जिन लोगों ने उस समय संपत्ति की घोषणा नहीं की और अब पनामा दस्तावेजों या अन्य तरीकों से उनका नाम सामने आ रहा है, तो वे सो नहीं पा रहे हैं.’
सरकार ने पिछले साल विदेशों में कालाधन रखने वालों के लिए तीन महीने की अनुपालन खिड़की की घोषणा की थी. घरेलू कालाधन अनुपालन खिड़की एक जून को खुलकर 30 सितंबर को बंद होगी. कर व जुर्माने का भुगतान इसके दो महीने के भीतर करना होगा.
योजना के तहत पात्र लोगों द्वारा घोषित आय पर 30 प्रतिशत का कर और 25 प्रतिशत का कृषि कल्याण उपकर लगेगा. इस पर दिए जाने वाले कर पर 25 प्रतिशत की दर से जुर्माना भी लगेगा.
इस तरह कुल कर और जुर्माना 45 प्रतिशत बैठेगा. इसका भुगतान 30 नवंबर तक करना होगा. यह योजना संपत्तियों में निवेश या अन्य किसी रूप में वित्त वर्ष 2015-16 या उससे पहले की अघोषित आय के लिए है.
अघोषित संपत्ति की घोषणा आयकर विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ऑनलाइन की जा सकती है. या फिर आयकर विभाग के विभिन्न क्षेत्रीय प्रमुख आयुक्तों के समक्ष की जा सकती है।.
वोडाफोन पीएलसी तथा केयर्न एनर्जी ब्रिटेन पर लंबित पिछली तारीख से कर मामलों के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि हमने कानून में पहले ही बदलाव कर दिया है. अब उनके पास या तो इस मांग को चुनौती देने या निपटान के लिए जाने का विकल्प है.
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