प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एकतरफ विकासवाद है तो दूसरी तरफ विरोधवाद

Last Updated 29 May 2016 10:09:52 AM IST

अपनी सरकार की दूसरी वर्षगांठ मनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुशासन के माध्यम से पिछले दो सालों में बदलाव आया है.


'एकतरफ विकासवाद है तो दूसरी तरफ विरोधवाद'

उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेकने तथा सालों से लूट का शिकार बने लोगों के लिए जीवन आसान बनाने की प्रतिबद्धता जतायी.

कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन्होंने विपक्षी दल पर अवरोध खड़ा करने के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया और कहा कि लोग इसे देख सकते हैं और सच ढूढ़ सकते हैं.

कोयला ब्लॉक आवंटन समेत यूपीए सरकार के दौरान के घोटालों और स्कैंडलों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की बुराई पर अंकुश लगाना इस सरकार का मुख्य ध्येय रहा है और लोग पिछले शासन से तुलना कर इसे देख सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘जबतक हम पिछली सरकार के दिनों के दौरान किए गए कामकाज को याद नहीं करेंगे, हम इस बात अहसास नहीं कर पायेंगे कि कौन सा बड़ा कार्य हुआ है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश के लोगों के सामने संतोष के भाव के साथ खड़ा हूं. हम अपने कामकाज की बारीक मूल्यांकन होने के बावजूद लोगों का विश्वास और उत्साह हासिल करने में समर्थ रहे हैं. लोगों का विास दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इससे हमारा भी विश्वास बढ़ता है.’’     

मोदी ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों के बारे में ऐसा नहीं कह सकता जिनके लिए हमारा विरोध करना राजनीतिक कारणों से जरूरी है. यह तो स्वभाविक है. लेकिन मैं एक बात कहना चाहता हूं. एकतरफ विकासवाद है तो दूसरी तरफ विरोधवाद है.’’

वार्ता के रूप वाले ‘एक नयी सुबह’ नामक कार्यकम में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने दुर्भावना से कोई फैसला नहीं किया.

छह घंटे तक चले इस कार्यक्रम में ज्यादातर मंत्री हाजिर हुए.

मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको यह आश्वस्त करने के लिए यहां हूं कि लोगों ने हम पर जो विश्वास व्यक्त किया, हम उस पर खरा उतरने के लिए हरचीज कर रहे हैं और देश ने देखा है कि कोई भी फैसला दुर्भावना से नहीं किया गया, कठोर परिश्रम में कोई कोताही नहीं की गयी और हमने लोगों और राष्ट्र के हित को सर्वोपरि रखते हुए अपने आप को उनकी भलाई में समर्पित कर दिया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि जिन्होंने पैसे बनाए हैं, वे मुश्किलों का सामना करेंगे और वे परेशानी महसूस करेंगे. किसने पैसे बनाए, कब बनाए, यह मेरा विषय नहीं है यह गरीबों का पैसा है और उसे दूसरों के पास नहीं जाने दिया जाएगा.’’

आंकड़े देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों में पैसे को गलत हाथों में जाने से रोककर सलाना करीब 36,000 करोड़ रूपए बचाए गए और भ्रष्टाचार से जिन लोगों को फायदा हो रहा था, उन्हें ही परेशानी हो रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि मैं इतना अधिक काम करता हूं, फिर भी इतना विरोध का सामना करता हूं और गालियां सुनता हूं. वे मुझे मीडिया से अधिक संवाद करने और संचार रणनीति सुधारने की सलाह देते हैं. मैं उन्हें कैसे समझाऊं कि जो लोग 36,000 करोड़ रूपए के लाभार्थी थे, जब मैंने सरकारी धन के इस लूट को रोक दिया तो वे मुझे गालियां देंगे ही न.’’    

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा बदलाव लोगों में विश्वास जगाना और उनकी आकांक्षा पूरी करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करना रहा है.

दो साल में मोदी सरकार द्वारा कुछ नहीं करने की कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने देखा है कि उनके प्रशासन ने कठिन परिश्रम में कोई कोताही नहीं की और राष्ट्र एवं आमजन के लिए काम करने के प्रति खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘लोग विकास के एजेंडे और अवरोध के एजेंडे के बीच तुलना कर सच ढूढ़ने में समर्थ हैं. सरकार के हर कदम का बारीकी से मूल्यांकन होना चाहिए लेकिर मेरी चिंता यह है कि ऐसा कुछ न किया जाए जिससे देश निराशा के भंवर में पहुंचे.’’

यह उल्लेख करते हुए कि कभी कभी उनकी ऐसी आलोचन होती है जिसका कोई आधार नहीं होता, मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का मूल्यांकन पिछली सरकारों के कामकाज के संदर्भ में हो.

कोयला ब्लॉक आवंटन में पारदर्शी निविदा प्रणाली लाने का दावा करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि पिछली सरकार इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार के चलते बदनाम हुई थी और तब मीडिया में यह बात खूब आयी थी.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी सरकार की कोशिश का महत्व समझा जा सकता है यदि इस बात का परीक्षण हो कि पहले इस मुद्दे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार क्यों हुआ.

उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार दीमक की तरह हमारे देश को खोखला बना रहा है. यदि कोई ऐसी चीज है जो देश के विकास के हमारे सपने को चकनाचूर कर सकता है तो वह भ्रष्टाचार का दीमक है और हम उसे उखाड़ फेंकने के लिए कटिबद्ध हैं.

धन को गलत हाथों में जाने से (लीकेज) रोकने में अपनी सरकार की उपलब्धि का ब्योरा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एलपीजी सब्सिडी के फर्जी लाभार्थियों को खत्म कर 15,000 करोड़ रूपए बचाए गए. सरकार ने 1.62 करोड़ फर्जी राशनकार्ड का पता लगाया.

उन्होंने भाजपाशासित राज्यों के कुछ कदमों का भी हवाला दिया और कहा, ‘‘यह बस एक शुरूआत है. यह एक नयी सुबह है. सरकार अपने कार्यकाल के अगले तीन सालों में ऐसे कदम जारी रखेगी.’’

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि उनके आह्वान पर 1.13 करोड़ लोगों ने एलपीजी पर सब्सिडी छोड़ दी. उन्होंने कहा कि यह उल्लेखनीय है क्योंकि साल में नौ सिलेंडर दिए जाएं या 12, जैसे मुद्दे ही राजनीतिक विमर्श पर छाये रहते थे.

मोदी ने कहा कि यदि उन्होंने एक लाख करोड़ रूपए के निवेश से एक बिजली संयंत्र की घोषणा की होती तो यह बड़ी खबर बनती लेकिन कुछ लोग आश्चर्य से सवाल करते कि (इसके लिए) धन कहां से आएगा. लेकिन तथ्य यह है कि उनकी सरकार 500 शहरों में एलईडी बल्ब देकर इतना ही धन बचाने जा रही है पर, ऐसे में जो 20 हजार मेगावाट बिजली बची, वह खबर नहीं बनती.



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