खेती-किसानी को समर्पित किसान चैनल मोदी सरकार का सफल प्रयोग : जेटली

Last Updated 26 May 2016 09:49:06 PM IST

किसान और कृषि क्षेत्र को समर्पित किसान चैनल को मोदी सरकार का \'सफल प्रयोग\' करार देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इस चैनल के आयामों में विस्तार करना, रोचक एवं शिक्षाप्रद बनाना एक चुनौती है जिसे आने वाले वर्षो में अंजाम दिये जाने की जरूरत है.


सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो)

दूरदर्शन के किसान चैनल के एक वर्ष पूरा होने पर गुरुवार को चैनल की \'लाइव स्ट्रीमिंग\' का शुभारंभ प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश ने किया.

इस अवसर पर अरूण जेटली ने अपने संदेश में कहा कि किसान चैनल 24 घंटे किसान और कृषि संबंधी कार्यक्रम प्रसारित करने वाला देश का पहला चैनल है और यह पूरी तरह से कृषि क्षेत्र को समर्पित है. इसमें कृषि संबंधी जानकारी, कृषि चर्चा के अलावा मौसम की जानकारी आदि प्रसारित की जाती है. कृषि के बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारी अनेक संस्थाओं, एजेंसियों एवं वैज्ञानिकों के माध्यम से मुहैया करायी जाती है.

मंत्री ने कहा कि चैनल के दर्शकों की संख्या बढ़े इसके लिए जरूरी है कि इसमें मनोरंजन के भी आयाम जुड़े हो.. किसान चैनल ने इस दिशा में पहल की है और \'\'एक वर्ष का प्रयोग सफल रहा है. इसका विस्तार करना, रोचक और शिक्षाप्रद बनाना अभी भी चुनौती है जिसे सभी के सहयोग एवं परिश्रम से साकार करना है.\'\'

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप किसान और कृषि क्षेत्र को समर्पित एक चैनल शुरू किया गया और एक वर्ष में इसके दर्शकों की संख्या 1.95 करोड़ हो गई है.

उन्होंने कहा कि जब हम दूसरी हरित क्रांति की बात कर रहे हैं तब किसानों तक खेतीबाड़ी की वैज्ञानिक जानकारी मुहैया कराना जरूरी है. इस दिशा में किसान चैनल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.



इस अवसर पर प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश ने कहा कि यह देश का अनोखा चैनल है जिसकी शुरूआत चुनौतीपूर्ण माहौल में की गई थी. तब कई तरह की आशंकाएं उठ रही थीं लेकिन आज एक वर्ष बाद यह काफी सफल साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि इसे सफल बनाने में आईसीएआर, आईएमडी एवं कई विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिकों आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

दूरदर्शन की महानिदेशक अपर्णा वैश ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत किसान आबादी को समर्पित यह अनूठी पहल है. इसके जरिये किसानों को मृदा परीक्षण, उर्वरक की जानकारी, बीज एवं अन्य जानकारी के साथ मत्स्यपालन, डेयरी प्रबंधन महत्वपूर्ण पहल है. जलवायु परिवर्तन एवं मौसम की जानकारी किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है.

 

 



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