हेडली का खुलासा, आतंकियों के लिए मंदिर से लाल धागा खरीदा ताकि वे हिंदू दिखें
पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा मुंबई हवाई अड्डा और सिद्धि विनायक मंदिर को निशाना बनाना चाहता था.
पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली (फाइल फोटो) |
हेडली ने शुक्रवार को मुंबई की विशेष अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने बयान में चौथे दिन यह बताया कि मुंबई हवाई अड्डा लश्कर के निशाने पर था.
हेडली ने कहा कि उसने मुंबई में वर्ली, गेट वे ऑफ इंडिया और कफ परेड की रेकी की थी लेकिन आतंकवादियों को मुंबई घुसने के लिए कफ परेड को चुना गया था.
उसने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे पर हमला नहीं होने से लश्कर के आतंकी नाराज थे. मेजर इकबाल ने भी रेकी के बाद भी हवाई अड्डे पर हमला नहीं होने पर नाखुशी जतायी थी.
हेडली ने कहा कि मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हमला करने के बाद आतंकवादियों ने दोबारा हमला करने की योजना बनायी थी. उसने कहा कि सिद्धि विनायक मंदिर और नौसेना के एअरबेस का वीडियो बना कर भेजा था लेकिन वह वीडियो साजिद मीर और अब्दुर रहमान पाशा को पसंद नहीं आया था.
उसने लश्कर के आकाओं को सूचित किया था कि एअरबेस और मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है. यहां हमला नहीं किया जा सकता. यहां हमला करने के लिए और 10 आतंकवादी भेजने होंगे.
उसने बताया कि वह सिद्धि विनायक मंदिर गया और वहां की उसने रेकी की थी और वहां से लाल धागा खरीद कर पाकिस्तानी आतंकवादियों को पहनने के लिए दिया ताकि वे हिंदू जैसे दिखें और किसी को उन पर शक नहीं हो सके.
हेडली ने खुलासा किया कि लश्कर ने उसे मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) का वीडियो बनाने और वहां के अधिकारी से मिलने का आदेश दिया था.
उसने बताया कि उसने जुलाई 2008 में बीएआरसी की यात्रा की और उसकी वीडियोग्राफी की.लश्कर के मेजर इकबाल ने उससे भविष्य में बीएआरसी के कुछ कर्मियों को भर्ती करने को कहा था जो आईएसआई के लिए काम करें.
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