नेताजी को मनाने दिल्ली पहुंचे लालू और शरद, मुलायम ने साधा मौन
बिहार में बने भाजपा-विरोधी गठबंधन से समाजवादी पार्टी के बाहर निकलने से झटका लगने के बाद राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू प्रमुख शरद यादव ने शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव को मनाने पहुचे.
मुलायम सिंह यादव के निवास पर लालू प्रसाद और शरद यादव. |
उन्होंने दिल्ली में मुलायम सिंह से मिलकर स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन गठबंधन को सपा मुखिया की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला. सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव द्वारा गुरुवार को लखनऊ में उनकी पार्टी सपा के गठबंधन से अलग होने की घोषणा किए जाने के बाद राजद और जदयू 'महागठबंधन' को बचाने के जुगत में जुट गए हैं. यादव ने कहा था कि राज्य में सीटों के बंटवारे को लेकर प्रदेश के बड़े दलों ने सपा से सलाह नहीं किया, जिससे पार्टी 'अपमानित' महसूस कर रही है.
गठबंधन को बचाने की कोशिश में पटना से दिल्ली आए लालू प्रसाद ने, मुलायम के साथ दो घंटे चली बैठक के बाद कहा, 'बातचीत चल रही है. बातचीत जारी रहेगी. सभी 200 सीटें (राजद और जदयू दोनों की 100-100) नेताजी और समाजवादी पार्टी की हैं. जब साथ आए तो देश में संदेश गया कि हम भाजपा को हरा देंगे.'
उन्होंने कहा, 'मुलायम हमारे अभिभावक हैं. उनपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है कि गठबंधन बना रहे. साम्प्रदायिकता देश के लिए खतरा है. सभी इसे समाप्त करना चाहते हैं. हमने नेताजी से इसपर पुन: विचार करने को कहा है बिहार में ताकि एक समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष सरकार बन सके.' लालू और मुलायम सिंह के बीच हुई इस बैठक में शरद यादव भी मौजूद थे.
शरद यादव ने कहा, सबकुछ हो जाएगा ठीक : मुलायम के समधी लालू ने सपा प्रमुख के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का भी हवाला देते हुए कहा कि उनके पास सारे अधिकार हैं. गौरतलब है कि लालू की बेटी का विवाह मुलायम के भाई के पोते के साथ हुआ है. बैठक के बाद अभी तक सपा ने कुछ नहीं कहा है, हालांकि जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने यह जरूर कहा कि 'सबकुछ ठीक हो जाएगा.'
शरद यादव ने कहा, 'बातचीत चल रही है. आपको एक-दो दिन में कुछ अच्छी खबर मिलेगी. इसका सीटों से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ आंतरिक मामले हैं, जिनपर मीडिया में चर्चा नहीं होनी है.'
बिहार में भाजपा-विरोधी गठबंधन बनाए रखने के लिए मुलायम को मनाने के प्रयास में शरद यादव कल भी उनसे मिले थे. पहचान गुप्त रखने की शर्त पर सपा नेताओं ने बताया कि मुलायम कांग्रेस के साथ होने से खुश नहीं है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा की विरोधी पार्टी है और प्रदेश में जदयू तथा राजद का कोई जनाधार नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ रैलियों में देखा जाना, सपा समर्थकों को पसंद नहीं आएगा.
लालू यादव ने कहा, यूपी में मिलकर लड़ना होगा : अभी हाल ही में सोनिया ने संसद का कामकाज आसानी से चलने देने में सहयोग करने के लिए सपा प्रमुख की आलोचना भी की थी. उस दौरान कांग्रेस लगातार ललित मोदी विवाद, भूमि विधेयक और व्यापमं घोटाले को लेकर संसद का कामकाज बाधित कर रही थी.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि मुलायम को किसी बात से 'दुख' हुआ है और विश्वास जताया कि मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा.
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