सुमित्रा ताई ने कहा, कई बार मां को होना पड़ता है सख्त
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक पुस्तक समारोह में खुद की तुलना मां से की है.
कई बार मां को होना पड़ता है सख्त (फाइल फोटो) |
कांग्रेस के 25 लोकसभा सदस्यों को पांच दिन के लिए निलंबित पर \'सुमित्रा ताई\' (दीदी) के नाम से प्रसिद्ध, ने कहा कि अपने बच्चों को नियंत्रित करने के लिए कई बार सख्त होना पडता है.
उन्होंने लोकसभा में घटनाक्रम का संदर्भ रखे बिना यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा, आपने मुझे सौम्य बोला. लेकिन कुछ लोग अभी मुझे सौम्य नहीं भी बोल सकते हैं. मैं सौम्य हूं.
उन्होंने कहा, एक मां को कई बार अपने बच्चों को नियंत्रित करने के लिए सख्त होना पडता है.
गौरतलब है कि संसद में लगातार अवरोध के चलते कांग्रेस के 44 लोकसभा सदस्यों में से 25 को निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद नौ विपक्षी दलों ने कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया.
सुमित्रा महाजन ने आज पुस्तक विमोचन समारोह की अध्यक्षता की जिसमें भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव की पुस्तक का विमोचन किया गया.
समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यादव को जमीन से जुडा नेता बताया जिसे ग्रामीण भारत की नब्ज पता है.
लोकसभा अध्यक्ष के पद का करते हैं सम्मान
इस बीच दूसरे दिन भी धरना दे रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के पद का वह सम्मान करते हैं लेकिन कांग्रेस सदस्यों के निलंबन का उनका फैसला उन्हें मंजूर नहीं है.
इससे पूर्व राहुल गांधी कहे चुके हैं कि पीएम हिन्दुस्तान के मन की बात नहीं सुन रहे. देश के मन की बात सुनें. सुषमा स्वराज ने कानून तोड़ा है. देश सुषमा का इस्तीफा मांग रहा है. व्यापमं, ललितगेट और लैंड बिल को लेकर हम पूरे देश में सरकार को घरेंगे. जमीन के मुद्दे पर भी हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. व्यापमं घोटाले से युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ है.
लोकसभा में पोस्टर दिखाने वाले वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों को नियमों का पालन करने की हिदायत देते हुए अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि सांसदों को अपनी बात रखने और मंत्रियों से आश्वासन लेने का हक है लेकिन जानबूझकर नियमों को चुनौती देकर नहीं.
लोकसभा में अध्यक्ष ने कहा था, ‘जब आप सांसद बनकर आते हैं तब आपको नियम पुस्तिका दी जाती है. यह नियम पुस्तिका एक व्यक्ति ने नहीं बनाई है. संसद की समिति ने इसे बनाया है. सदन सवाल उठाने के लिए है, मंत्री से आश्वासन लेने के लिए है.’
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