यादव सिंह के ठिकानों पर सीबीआई का छापा

Last Updated 04 Aug 2015 12:34:17 PM IST

उत्तर प्रदेश में नोएडा के निलंबित इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह से जुडे ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने मंगलवार सुबह एक साथ छापा मारा.


यादव सिंह के ठिकानों पर सीबीआई का छापा (फाइल फोटो)

लखनऊ में सूत्रों ने बताया कि छापा मारने से पहले सीबीआई ने इस सिलसिले में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया. उन्होंने बताया कि सीबीआई की 30 सदस्यीय टीम ने नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर और नोएडा के सेक्टर 50 स्थित यादव सिंह के आवास पर छापा मारा.

बताया जाता है कि छापामारी में सीबीआई की पांच टीमें शामिल हैं. सीबीआई अफसर नोएडा के इंजीनियरिंग चीफ ए के गोयल से उनके सरकारी कक्ष में पूछताछ करने के साथ कम्प्यूटर और दस्तावेजों की पडताल कर रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार बेहद गोपनीय रखी गई इस छापेमारी के दौरान सीबीआई टीम के साथ काफी पुलिस बल भी है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यादव सिंह के विरुद्ध जांच के आदेश दिये जाने के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने यादव सिंह के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में दायर याचिका का जमकर विरोध किया था.

यादव सिंह के विरुद्ध न्यायिक जांच के आदेश देने के बावजूद सूबे की सरकार उसके विरुद्ध उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये सीबीआई जांच के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने पर भी विचार कर रही थी. गत 16 जुलाई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिये थे.

राज्य सरकार ने न्यायालय में सीबीआई जांच का यह कहकर विरोध किया था कि यादव सिंह मामले की न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एएन वर्मा की अध्यक्षता में बना आयोग जांच कर रहा है.

राज्य सरकार ने ए एन वर्मा आयोग का गठन कर निर्धारित समय में मामले की जांच के आदेश दिये थे. सरकार का कहना था कि आयोग सही रास्ते पर जांच कर रहा है इसलिए सीबीआई जांच का औचित्य नहीं बनता. न्यायालय ने राज्य सरकार के दलीलो को दरकिनार करते हुए नूतन ठाकुर की जनहित याचिका पर सीबीआई जांच के आदेश दे दिये.

गत नवम्बर में यादव सिंह के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे में मिली अकूत सम्पत्ति के बाद यह मामला सुर्खियों में आया. आयकर विभाग के अनुसार 954 करोड रुपये का घोटाला किया जाना प्रतीत होता है लेकिन जानकार इसे 20 हजार करोड रुपये तक बताते हैं. उसके ठिकानों से तो दस करोड रुपये से अधिक नगदी और एक सौ करोड रुपये के हीरे ज्वाहरात बरामद होने के दावे किये गये थे.

इस बीच, केन्द्रीय वित्त मांलय ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यादव सिंह मामले से सम्बंधित कागजात सीबीआई को सौंपने के लिए कहा है.

सूत्रों की माने तो यादव सिंह का मायावती सरकार और वर्तमान सरकार में काफी दबदबा था. मायावती सरकार में वरिष्ठता सूची को दरकिनार करते हुए यादव सिंह को नोएडा विकास प्राधिकरण का चीफ इंजीनियर बना दिया गया था जबकि सपा सरकार ने उसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे का इंजीनियर इन चीफ (प्रमुख अभियंता) बना दिया. उसने अपने रसूख से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई प्लाट आवंटित कराये थे.

आयकर विभाग के छापे के बाद राज्य सरकार ने उसे निलंबित कर दिया था.



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