कांग्रेस ने की राजनाथ की टिप्पणियों को कार्यवाही से निकालने की मांग

Last Updated 31 Jul 2015 04:17:13 PM IST

कांग्रेस ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के गुरदासपुर हमले पर लोकसभा में दिए गए बयान के बाद की गयी टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इन्हें कार्यवाही से निकालने की मांग की है.




गृह मंत्री राजनाथ सिंह

गृह मंत्री ने गुरदासपुर में गत सोमवार को हुए आतंकवादी हमले के बारे में सदन में बयान देने के बाद कहा था कि कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के गृह मंत्री ने ‘हिंदू आतंकवाद’ की बात कहकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश की थी और आज जो कुछ हो रहा है वह उसी की नीतियों का परिणाम है.

उन्होंने कहा कि इसी सदन में संप्रग सरकार के गृह मंत्री ने हिंदू आतंकवाद की बात की थी ताकि आतंकवादी हमलों की जांच की दिशा बदल जाय और देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट न हो सके. सिंह ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री के इस बयान के लिए पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद ने उन्हें बधाई दी थी. इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने भारी शोरशराबा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी.

कार्यवाही पुन: शुरू होने पर हुए ही सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को अध्यक्ष के संज्ञान में लाना चाहते थे लेकिन उन्हें उस समय इसकी अनुमति नहीं मिली.

उन्होंने कहा कि उन्हें सिंह के बयान पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बयान के बाद की उनकी अनावश्यक टिप्पणियां नियमों के खिलाफ हैं और उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए.

खड़गे ने कहा कि यह सही है कि नियम 370 के तहत केवल बयान दिया जा सकता है और उस पर सवाल नहीं पूछे जा सकते लेकिन गृह मंत्री बयान पढ़ने के बाद भी लंबे समय तक बोलते रहे और  उन्होंने सदन को बांटने की कोशिश की.

उन्होंने कहा कि सिंह के बयान का उनकी पार्टी के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया था. आतंकवाद के खिलाफ देश एक है और राष्ट्रीय एकता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो सकता. लेकिन बयान पूरा करने के बाद उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया और पिछली सरकार को बदनाम करने की कोशिश की. यह गैरजरूरी था. यह राजनीति है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इसे कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय का कहना था कि सिंह ने बयान के बाद जो आरोप लगाए हैं जो गैरजरूरी थे. उनके बयान पर सदन एकमत था लेकिन उनकी टिप्पणियों से बंट गया.

इस पर उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने कहा कि पहले भी कई बार ऐसा हुआ है जब मंत्रियों ने बयान देने के बाद भी अपनी बात कही है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष सर्वोपरि हैं और उन पर सवाल नहीं उठाये जा सकते हैं.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि सिंह ने कुछ भी गलत नहीं कहा है बल्कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सदन से एकमत रहने का आग्रह किया. उन्होंने सदन को बांटने का प्रयास नहीं किया. उनकी हर बात देश हित में है. उन्होंने कहा कि सिंह का कहना था कि आज देश में जो परिस्थितियां उभरी हैं उसकी वजह यह है कि आतंकवाद के मुद्दे पर केंद्र में रही विभिन्न सरकारों की नीतियां एक समान नहीं रहीं. विपक्ष नोटिस देकर कोई चर्चा कराना चाहता है तो सरकार किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment