कसाब को फांसी देने वाले जल्लाद ने ही याकूब को लटकाया फंदे पर

Last Updated 30 Jul 2015 07:23:17 PM IST

मुंबई बम विस्फोटों के मामले में फांसी की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब मेमन को यरवदा जेल के उसी कांस्टेबल ने फांसी पर लटकाया जिसने तीन साल पहले 26/11 मुंबई हमलों के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फंदे पर लटकाया था.




याकूब मेमन

सुरक्षा कारणों से इस जल्लाद की पहचान को गुप्त रखा गया है. वह पुणे की यरवदा जेल से 20 पुलिसकर्मियों की एक टीम के साथ एक सप्ताह पहले ही सेंट्रल जेल में पहुंच गए थे.

इसी जल्लाद ने 21 नवंबर 2012 को यरवदा जेल में कसाब को फांसी देने के लिए लीवर खींचा था.

कसाब को पुणे में फांसी पर लटकाए जाने के दौरान टीम की अगुवाई करने वाले यरवदा जेल के अधीक्षक योगेश देसाई का कुछ ही महीने पहले नागपुर सेंट्रल जेल में तबादला किया गया था. निश्चित रूप से उनका तबादला याकूब को फांसी की सजा की तामील के प्रबंधन के लिए किया गया था.

जेल अधिकारियों के अनुसार, कांस्टेबल ने ‘‘बेहद सटीक’’ तरीके से फांसी दी.

यरवदा जेल से एक अन्य कांस्टेबल को भी एक सप्ताह पहले यहां लाया गया था और दो अन्य के साथ उसे जल्लाद की मदद का प्रशिक्षण दिया गया. टीम के अन्य सदस्यों को फांसी यार्ड में प्लेटफार्म तैयार करने आदि का काम सौंपा गया था.

महाराष्ट्र में नागपुर और यरवदा दो सेंट्रल जेल हैं जहां फांसी दिए जाने की सुविधा है.

इनसे पहले 1984 में नागपुर जेल में फांसी दी गयी थी. उस समय अमरावती के दो भाइयों को हत्या के लिए फांसी पर लटकाया गया था.


 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment