एनआरएचएम घोटाले में निलंबित वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला की अचानक बहाली पर उठे सवाल

Last Updated 04 Jul 2015 09:14:47 PM IST

उत्तर प्रदेश में बसपा राज में एनआरएचएम में हुए हजारों करोड़ रूपये के घोटाले में अभियुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला का निलंबन समाप्त करके कल बहाली कर दिये जाने के निर्णय पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं.


IAS प्रदीप शुक्ला की अचानक बहाली पर सवाल (फाइल फोटो)

एनआरएचएम घोटाले में 2012 से निलंबित और कुछ ही दिनों पहले स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर रिहा किये गये शुक्ला को प्रदेश सरकार ने बिना किसी औपचारिक घोषणा के कल पुन: बहाल कर दिया और उन्हें राजस्व परिषद में सदस्य :न्यायिक: के पद पर तैनाती दे दी.

सामाजिक सवालों को सक्रि यता के साथ उठाते रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने शुक्ला की बहाली के तरीके पर सवाल उठाते हुए मुख्य सचिव से इस निर्णय के कारणो को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है.

ठाकुर ने कहा, ‘‘आईएएस अफसर अखिल भारती सेवा अनुशासन और अपील नियमावली 1969 के नियम 3 के तहत निलंबित किये जाते है, जिसके नियम 3 :8: के तहत प्रत्येक निलंबन का नियमित रूप से पुनरीक्षण किया जाता है और यह काम मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति करती है.’’

मुख्य सचिव को संबोधित एक पत्र में ठाकुर ने सवाल उठाते हुए जानना चाहा है कि पुनरीक्षण समिति अब तक शुक्ला के निलंबन जारी रखने की बात करती रही है. जिस तरह से अचानक उन्हें बहाल कर दिया गया, उससे यह जरूरी हो जाता है कि अचानक निर्णय बदलने का आधार सार्वजनिक किया जाये.

गौरतलब है कि वर्ष 2007 से 2011 के बीच एनआरएचएम में हुए लगभग 5500 करोड़ रूपये के घोटाले में समाजवादी पार्टी सरकार ने 2012 में सत्ता में आने पर शुक्ला को निलंबित कर दिया था.

घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने बाद में शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया था और वे 90 दिन गाजियाबाद की डासना जेल में बंद थे, मगर कुछ महीनों पहले उच्चतम न्यायालय ने स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था.



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