समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता और अप्राकृतिक सेक्स की धारा 377 को खत्म कर सकती है केंद्र सरकार

Last Updated 30 Jun 2015 12:25:59 PM IST

केंद्र सरकार 'अप्राकृतिक सेक्स' की आईपीसी की धारा 377 को खत्म करने के साथ ही समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने पर विचार कर रही है.


अप्राकृतिक सेक्स की धारा 377 को खत्म कर सकती है केंद्र सरकार (फाइल फोटो)

केंद्रीय कानून मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने संकेत दिया है कि आईपीसी की धारा 377 को खत्म किया जा सकता है, जो कि 'अप्राकृतिक सेक्स' को अपराध बनाती है.

सूत्रों के मुताबिक गौड़ा ने कहा कि इस मसले पर जो भी निर्णय होगा वह व्यापक विचार-विमर्श और सभी पहलुओं पर चर्चा करने के बाद ही लिया जाएगा. गौड़ा का बयान पिछले हफ्ते आए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के परिप्रेक्ष्य में आया है. अमेरिकी कोर्ट ने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दी थी.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की भारत में सोशल मीडिया पर काफी सराहना की गई थी.

गौड़ा ने कहा कि ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों के बारे में हाल में पेश विधेयक को इंडियन गे कम्युनिटी के लिए एक मॉडल बनाया जा सकता है. मूड तो इसके पक्ष में लग रहा है. उन्होंने कहा कि डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने राज्यसभा में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों पर प्राइवेट मेंबर्स बिल पेश किया था.

गौड़ा ने कहा कि वह बिल राज्यसभा ने अप्रैल में पास किया था. यदि लोकसभा में भी वह पास हो जाए तो कानून बन जाएगा और धारा 377 बेकार हो जाएगी.

गौड़ा का यह नजरिया इस लिहाज से अहम है कि वह रूढ़िवादी सामाजिक मान्यताओं का पालन करने वाले दक्षिण कन्नड़ जिले से ताल्लुक रखते हैं. यदि ऐसा होता है तो समलैंगिकों के हितों में इसे एक बड़ा निर्णय कहा जा सकेगा. यही नहीं मामले में इन लोगों के विवाह को कानूनी मान्यता भी मिल सकेगी.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment