अमित शाह ने मनमोहन सिंह पर साधा निशाना

Last Updated 27 May 2015 07:14:21 PM IST

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में सामने आये कुछ घोटालों को लेकर उन पर निशाना साधा.


अमित शाह (फाइल फोटो)

अमित शाह ने कहा कि किसी प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी केवल उनकी निजी ईमानदारी तक सीमित नहीं होती बल्कि पूरी व्यवस्था से भ्रष्टाचार समाप्त करने की भी होती है.

शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा पुरजोर मानना है कि प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी केवल यहां तक सीमित नहीं है कि भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हों, बल्कि दूसरों को भी रोकना और पूरी व्यवस्था से भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी उनकी जिम्मेदारी है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मनमोहन सरकार में 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए. कांग्रेस इसकी जिम्मेदारी से कैसे बच सकती है.’’

शाह दरअसल मनमोहन सिंह के हमले का ही जवाब दे रहे थे जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने आज कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार जनता का ध्यान हटाकर गैर मुद्दों की ओर ले जाने के लिए भ्रष्टाचार की बात कर रही है.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने कोई नुकसान नहीं होने :जीरो लॉस: की बात कही थी. मसलन स्पेक्ट्रम आवंटन में शून्य हानि, कोयला आवंटन में शून्य हानि.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के शासनकाल में आज 20 कोयला खदानों की नीलामी से दो लाख करोड़ रपये आये. यह दिखाता है कि भारी नुकसान हुआ था. और यह नुकसान कैग के आकलन से ज्यादा था. हमने एक तिहाई स्पेक्ट्रम की नीलामी की और उससे 1.09 लाख करोड़ रपये अर्जित किये और पैसे को सरकारी तिजोरी में डाला. यह दिखाता है कि 2जी में भी नुकसान हुआ था.’’

कांग्रेस से जवाब देने की मांग करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय संपत्ति लूटी. कांग्रेस को जवाब देना चाहिए. जिन लोगों ने कोई नुकसान नहीं होने की बात कही थी, उन्हें अब जवाबदेह बनाया जाए. उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि घोटाले हुए थे और उन्होेंने देश की संपदा लूटी.

शाह ने कहा, ‘‘केवल भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बारे में बात करना पर्याप्त नहीं है. प्रधानमंत्री से उम्मीद की जाती है कि वह भ्रष्टाचार मुक्त शासन देंगे.’’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर वह एकमात्र भ्रमित व्यक्ति हैं और शाह ने दावा किया कि किसान इस विधेयक को समझ गये हैं.

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘भूमि अधिग्रहण विधेयक किसान-विरोधी नहीं है बल्कि किसान-हितैषी विधेयक है. किसान भी अब यह समझ गये हैं. कहीं कोई भ्रम नहीं है. केवल श्री राहुल गांधी के दिमाग में संशय है.’’

वह दरअसल इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि क्या मोदी सरकार द्वारा कल किसानों के लिए 24 घंटे प्रसारण वाले चैनल की शुरूआत करना भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ विपक्ष के प्रचार का जवाब देने की कवायद है.

उन्होंने कहा, ‘‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भूमि विधेयक को प्रस्तावित करने से काफी पहले चैनल की शुरूआत का निर्णय ले लिया था.’’

शाह ने कहा कि ‘जनता परिवार’ के विलय के प्रयास भाजपा के डर की वजह से किये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘उनके दिमाग में भाजपा का डर है. अन्यथा जो लोग 20 साल से राजनीतिक दुश्मन हैं, वे एक मंच पर क्यों आ रहे हैं. भाजपा मजबूत हो रही है, जिससे वे डरे हुए हैं.’’

बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का विश्वास जताते हुए शाह ने कहा कि उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ जीतेगी.

उन्होंने गौमांस खाने वालों के संबंध में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के बयानों से उपजे विवाद में पड़ने से बचते हुए कहा, ‘‘जहां तक गौवध पर प्रतिबंध का सवाल है तो जहां भाजपा सत्ता में है, हमने उस पर पाबंदी लगा दी है. नकवीजी ने जो कहा, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह उनकी निजी राय है.’’

कुछ भाजपा नेताओं और मंत्रियों के कथित अल्पसंख्यक विरोधी बयानों के सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने ऐसे बयानों से दूरी बनाई है. पार्टी का पुरजोर विास है कि सभी को बोलते समय संयम बरतना चाहिए.

मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर मीडिया के सव्रेक्षणों का हवाला देते हुए शाह ने कहा कि देशभर के अखबारों ने भाजपा के पक्ष में लिखना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘आप कोई भी अखबार उठाएं, आप देखेंगे कि हर अखबार ने मोदी सरकार को 65 से 70 प्रतिशत अंक दिये हैं. यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात है.’’



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