योगेंद्र पर एक और केजरी ’वार‘

Last Updated 31 Mar 2015 05:12:25 AM IST

प्रशांत भूषण को आप की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के प्रमुख पद से हटाए जाने के बाद अगला निशाना योगेंद्र यादव बन सकते हैं, जिन्हें पार्टी के मुख्य प्रवक्ता पद से हटाया जा सकता है.


आप नेता योगेंद्र यादव (फाइल फोटो)

आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी जल्द ही प्रवक्ताओं की नई सूची जारी करेगी, जिसमें यादव का नाम नहीं होगा. इस बीच, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक वरिष्ठ सदस्य ने एडमिरल रामदास और प्रशांत भूषण को उनके पदों से हटाने के तरीके पर सवाल उठाए हैं.

एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने नाम उजागर नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा, ‘हम जल्द ही पार्टी प्रवक्ताओं की नई सूची लाएंगे. नि:संदेह यादव का नाम सूची में नहीं होगा.’ पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण के साथ हटाए जाने के बाद यादव को मुख्य प्रवक्ता पद से हटाए जाने की संभावना है.

भूषण और यादव को महत्वपूर्ण समितियों से हटाए जाने को उन्हें पार्टी से बाहर करने के संकेत के रूप में माना जा रहा है. यह देखना दिलचस्प है कि यादव ही वह एकमात्र नेता थे जिन्हें पार्टी के प्रवक्ताओं का पैनल बनाए जाने के समय मुख्य प्रवक्ता बनाया गया था. पार्टी ने रविवार को भूषण को अनुशासन समिति से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह तीन सदस्यों का एक पैनल बनाया है. ये सदस्य आप प्रमुख केजरीवाल के करीबी माने जाते हैं.

पार्टी नेतृत्व की आलोचना के चलते आप के आंतरिक लोकपाल एडमिरल (अवकाश प्राप्त) एल. रामदास को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. उनकी जगह तीन सदस्यीय लोकपाल पैनल बनाया गया है, जिसमें दो पूर्व आईपीएस और एक शिक्षाविद शामिल हैं. इस बीच, ‘आप’ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक वरिष्ठ सदस्य ने जिस तरीके से प्रशांत भूषण और एडमिरल रामदास को उनके पदों से हटाया गया उसपर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ये फैसले जल्दबाजी में और समिति के सभी सदस्यों से सलाह-मशविरा किए बिना किए गए.

आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि उन्हें उस बैठक के बारे में सूचित नहीं किया गया जिसमें यह अहम फैसले हुए. सिन्हा ने पार्टी सचिव पंकज गुप्ता को लिखे एक पत्र में कहा, ‘मैं आपका ध्यान इस ओर आकषिर्त करना चाहूंगा कि मुझे कुछ पत्रकारों के जरिए इस बैठक के बारे में पता चला, जिन्होंने मुझसे यह पूछने के लिए मेरे पास कॉल किया था कि क्या मैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा ले रहा हूं’ उन्होंने कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित था और सोचा कि यह पीएसी की बैठक होगी क्योंकि मुझे कोई सूचना नहीं मिली और मुझे आपके कार्यालय से 18 मार्च को एक एसएमएस मिला था कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले या बाद में कोई बैठक नहीं होगी. आपके एसएमएस में कहा जा रहा है कि यह एक आपात बैठक थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं करता है कि मुझे क्यों सूचित नहीं किया गया.’



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