देश भर में गौवध पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेंगे: गृह मंत्री

Last Updated 29 Mar 2015 04:15:18 PM IST

गौवध को अस्वीकार्य करार देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि सरकार देश भर में गायों की हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिये आम सहमति बनाने का हरसंभव प्रयास करेगी.


केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल)

सिंह ने इंदौर में श्वेताम्बर जैन समुदाय के ‘वृहद् साधु-साध्वी सम्मेलन’ में कहा, ‘इस देश में गौहत्या को स्वीकारा नहीं जा सकता. हम देश भर में गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिये पूरी ताकत से कोशिश करेंगे और इस संबंध में आम सहमति बनाने को हरसंभव प्रयास करेंगे.’
   
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘गौवध पर रोक लगाने के लिये हमारी प्रतिबद्धता पर किसी भी सूरत में सवालिया निशान नहीं लगाया जाना चाहिये. मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने गौवंश के वध पर प्रतिबंध लगाने के लिये कड़ा कानून बनाया है. पिछले दिनों महाराष्ट्र में भी भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने गौ हत्या निरोधक कानून को लागू कर दिया है. हमने इस विधेयक को मंजूरी के लिये राष्ट्रपति के पास भेजने में एक पल की भी देरी नहीं की.’
   
‘वृहद् साधु-साध्वी सम्मेलन’ के दौरान जैन संत आचार्य शिवमुनि ने गृह मंत्री से मांग की कि केंद्र सरकार संसद के जारी बजट सत्र में ऐसा विधेयक पेश करें, जिसमें गायों के साथ भैंसों के वध पर भी देश भर में कानूनी प्रतिबंध का प्रावधान हो.  

इस मांग के मद्देनजर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, ‘गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध का विधेयक पारित कराने के लिये सरकार को लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल करना होगा. आपको इस बात की जानकारी समाचार पत्रों से मिलती होगी कि हमें संसद में छोटे-छोटे विधेयक पारित कराने के लिये भी लोहे के चने चबाने पड़ते हैं.’ 
   
उन्होंने याद दिलाया, ‘वर्ष 2003 में जब मैं केंद्रीय कृषि मंत्री था, तब मैंने अपने मंत्रालय के जरिये गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध का विधेयक तैयार कराया था. लेकिन इस विधेयक को संसद में पेश करने के लिये मैं जैसे ही सदन में खड़ा हुआ, वहां हंगामा शुरू हो गया. इस वजह से तब हम यह विधेयक पारित नहीं करा सके थे.’
   
गृह मंत्री ने जैन धर्म को ‘भारतीय संस्कृति का अनमोल रत्न’ करार देते हुए कहा, ‘पूरी दुनिया आतंकवाद के संकट से जूझ रही है. हिंसात्मक मनोवृत्ति आतंकवाद का मूल कारण है. इस मनोवृत्ति से जैन धर्म की शिक्षाओं के जरिये ही वैचारिक स्तर पर लड़ा जा सकता है.’
   
उन्होंने कहा, ‘जैन धर्म के ग्रंथों में हजारों साल पहले ही यह बात कह दी गयी थी कि समूचे ब्रांड की उत्पत्ति पुद्गल नाम के मूल कण से हुई है. स्विट्जरलैंड स्थित यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन (सर्न) ने जुलाई 2012 में किये गये प्रयोग के आधार पर कहा कि पूरे ब्रांड की रचना ईश्वरीय कण (गॉड पार्टिकल) से हुई है. यानी ब्रांड की उत्पत्ति से जुड़े जैन मत को वैज्ञानिक समुदाय भी स्वीकार कर रहा है.’

गोमांस के निर्यात की अनुमति नहीं
मध्यप्रदेश में गोवंश की रक्षा का भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि सूबे से गोमांस के निर्यात की अनुमति किसी भी हालत में नहीं दी जायेगी.
   
प्रदेश की भाजपा सरकार गोवध के खिलाफ पहले ही कड़ा कानून बना चुकी है.
   
शिवराज ने कहा, ‘हमारी सरकार ने तय किया है कि शाकाहार को बढ़ावा देने के लिये सूबे में अन्न, दूध, सब्जियों और फलों के उत्पादन में इजाफा किया जायेगा. लेकिन प्रदेश से गोमांस के निर्यात की अनुमति किसी भी हालत में नहीं दी जायेगी.’’
    
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्षों में लोगों ने उनकी सरकार को आधुनिक बूचड़खाने लगाने के कई प्रस्ताव दिये. लेकिन इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया गया.
    
उन्होंने भरोसा दिलाया, ‘जब तक प्रदेश में हमारी सरकार है, आधुनिक बूचड़खानों को मंजूरी नहीं दी जायेगी.’
    
शिवराज ने कहा कि सुंदरलाल पटवा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने वर्ष 1992 में प्रदेश में गोवध के खिलाफ कानून बनाया था. बाद में इस कानून को और कड़ा बनाया गया ताकि सूबे में गाय, बछड़े और बैलों की हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा सके.
    
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने गोवध निरोधक कानून में उसी सजा का प्रावधान किया है, जो सजा मनुष्य की हत्या के दोषी को दी जाती है. इसके साथ ही, गोमांस के व्यापार, परिवहन और ऐसे मांस खाने वाले लोगों के लिये भी ऐसी ही सजा के प्रावधान किये हैं.’’





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