गोडसे की आवक्ष प्रतिमा लगाने को लेकर हिन्दू महासभा के दो गुटों में विवाद
हिन्दू महासभा के दो गुटों में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को स्थापित करने को लेकर विवाद हो गया.
नाथूराम गोडसे |
जहां एक गुट की मांग है कि इसकी स्थापना की इजाजत दी जानी चाहिए वहीं दूसरे गुट का कहना है कि इससे समाज में वैमनस्य फैलेगा और गलत संकेत जायेंगे.
एक गुट के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि का दावा कि उनका गुट ही असली हिन्दू महासभा है और उन्होंने अन्य गुट के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश कौशिक की गोडसे को बढ़ावा देने की भर्त्सना की.
चक्रपाणि ने कहा, ‘‘वह सस्ता प्रचार पाने के लिए यह कर रहे हैं. हम ऐसे बयान से अपने को पूरी तरह अलग करते हैं. यदि गोडसे की आवक्ष प्रतिभा स्थापित करने की मांग को स्वीकार कर लिया गया तो समाज में इस बात का संदेश जायेगा कि हिंसा की अहिंसा पर विजय हो गयी क्योंकि उसे अहिंसा के लिए खड़े होने वाले महात्मा गांधी की हत्या में दोषी ठहराया गया था.’’
उन्होंने कहा कि इससे समाज में वैमनस्य फैलेगा.
भले ही चक्रपाणि गोडसे को लेकर कुछ सहानुभूतिपूर्ण दिखे और उन्होंने कहा कि गोडसे एक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता था. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू महासभा किसी भी तरह की हिंसा तथा राष्ट्र पिता के हत्यारे का सार्वजनिक रूप से सम्मान किये जाने के विरूद्ध है.
Tweet |