पुड्डुचेरी में अरबिंदो आश्रम से निकाले गए परिवार ने की खुदकुशी की कोशिश, तीन की मौत
पुड्डुचेरी के प्रसिद्ध अरबिंदो आश्रम से निकाले जाने के एक दिन बाद पांच बहनों और उनके परिजनों ने गुरुवार की सुबह समुद्र में छलांग लगा दी.
पुड्डुचेरी का प्रसिद्ध अरबिंदो आश्रम (फाइल फोटो) |
पुलिस ने बताया कि इस घटना में दो बेटियों और उनकी मां की मौत हो गई, जबकि उनके पिता और अन्य तीन बेटियों को मछुआरों ने बचा लिया और फिलहाल अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है.
इससे पहले पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुसरण करते हुए बिहार से ताल्लुक रखने वाली इन पांच बहनों को कल आश्रम के आवासीय क्वार्टर से बाहर निकाल दिया था.
पुलिस कल जब उन्हें आश्रम से निकालने आई थी, तब इन बहनों में से एक हेमलता प्रसाद इस बहुमंजिला इमारत के ऊपरी छत पर चढ़ गई थी और धमकी दी थी कि अगर पुलिस और आश्रम ट्रस्ट ने उन्हें बाहर किया तो वह खुदकुशी कर लेगी.
पुलिस उसे किसी तरह नीचे लाने में कामयाब रही. ये बहनें आश्रम में कई वर्षों से रह रही थीं. पांचों बहनों और आश्रम ट्रस्ट के बीच विवाद की शुरुआत 2002 में उस वक्त हुई जब आश्रम ने अनुचित आचरण के लिए हेमलता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरबिंदो आश्रम से निकाली गई पांचों बहनों ने माता-पिता के साथ समंदर में छलांग लगा दी.
इनमें दो बहनों और मां की मौत हो गई जबकि तीन बहनों और पिता को स्थानीय मछुआरों ने बचा लिया. एक दिन पहले ही बिहार की इन पांचों बहनों को आश्रम से निकाला गया था.
पुलिस ने बताया कि इस सभी ने पुडुचेरी-मर्कनम रास्ते पर कलापेट में समंदर में छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की. ये सभी बहनें पिछले कई साल से अरबिंदो आश्रम में रह रही थीं जबकि माता-पिता कस्बे में रहते थे.
कोटाकुप्पम के सब इंस्पेक्टर एम. एस. सुबिया ने बताया कि 70 वर्षीय मां शांतिदेवी, 50 वर्षीय बेटी अरुणाश्री और 45 वर्षीय राजश्री के शव पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के तटीय गांव के मछुआरों ने देखे.
चारों बचाए गए लोगों की पहचान 80 वर्षीय पिता गदाधर प्रसाद और तीन बेटियों 54 वर्षीय जयश्री, 42 वर्षीय निवेदिता और 40 वर्षीय हेमलता के रूप में हुई.
इन बहनों और आश्रम प्रबंधन के बीच 2002 में उस समय विवाद हुआ था जब प्रबंधन ने हेमलता के विरुद्ध अनियमितता के एक मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी.
नौ दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी बहनों को हफ्तेभर में आश्रम खाली करने का निर्देश दिया था.
ऐसा न करने पर पुलिस को उन्हें वहां से निकालने का आदेश था. 16 तारीख को आश्रम खाली कराए जाते समय सभी बहनों ने हंगामा किया था और आत्महत्या की धमकी दी थी.
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