एसिड हमलों के अपराघियों को मिले कड़ा दंड
महिलाओं पर एसिड हमला करके उनके जीवन को तबाह करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करने की संसद में मांग की गई.
एसिड हमला (file photo) |
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने इस संबंध में एक गैरसरकारी विधेयक पेश करते कहा कि हमारे समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और आदर की परंपरा रही है. हमारे धर्मग्रंथों ने भी इस पंरपरा को आगे बढाने के लिए प्रेरित किया है और नारी के सम्मान की पंरपरा हमें विरासत में मिली है.
उन्होंने कहा कि स्थिति बदल गई है और सम्मान की यह पंरपरा टूट रही है और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ रही है. उनका कहना था कि महिलाओं पर तेजाब हमला अत्यंत क्रूर है और इस तरह के हमले की शिकार महिला का जीवन समाज में अत्यधिक मुशिकल हो जाता है. उनके विकृत चेहरे के कारण उन्हें वही समाज स्वीकार नहीं करता है जिसके एक सदस्य ने उसे इस हालात तक पहुंचाया है.
उन्होंने कहा कि इन हमलों की शिकार हुई महिलाओं के प्रति समाज को संवेदनशील होने की जरूरत है और हमारी विरासत ने हमे यही सीख दी है. उन्होंने कहा कि मुश्किल यह है कि एसिड हमला करने वाली महिला जिंदा रहते हुए भी एक तरह से जीवित नही होती है लेकिन उसे इस दशा में पहुंचाने वाले अपराधी को दंड नहीं मिलता है. उनका कहना था कि इसके लिए कडे दंड की व्यवस्था हो ताकि अपराधी कानून के शिकंजे से बच नहीं सके चर्चा अधूरी रही.
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