भारतीयों को मरने या जिंदा रहने के ठोस सबूत नहीं: सुषमा स्वराज
इराक में ISIS के बंधक बनाए गए 40 में से 39 भारतीयों की हत्या पर विदेश मंत्री ने कहा कि अगवा भारतीयों के मारे जाने या जिंदा रहने, दोनों के ही ठोस सबूत नहीं हैं.
सुषमा स्वराज (फाइल) |
इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने बंधक बनाए गए 40 में से 39 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है. वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि अगवा भारतीयों के मारे जाने या जिंदा रहने, दोनों के ही ठोस सबूत नहीं हैं.
इराक में अगवा किए गए 39 भारतीय मारे जा चुके हैं? ये मुद्दा संसद के उपरी सदन राज्यसभा में गूंजा और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जवाब देना पड़ा.
सुषमा स्वराज ने कहा कि हर वो देश जिससे मदद की उम्मीद हो सकती थी हमने उनसे संपर्क साधा. हमें 6 ऐसे सूत्र मिले हैं जिन्होंने कहा है कि वे भारतीय मारे नहीं गए हैं. ये संदेश गोपनीय है, और सिर्फ मौखिक नहीं बल्कि लिखित हैं. ये संदेश अरूण जेटली और हरसिमरत कौर बादल को दिखाए हैं.
मालूम हो कि एक टीवी न्यूज चैनल ने दो बांग्लादेशी मजदूरों के दावे के आधार पर यह खुलासा किया है. बांग्लादेशी मजदूर शफी इस्लाम और हसन को यह जानकारी आतंकियों के चंगुल से बच निकले भारतीय बंधक हरजीत सिंह ने दी थी, लेकिन उसका अभी कोई अता-पता नहीं है.
वहीं मार दिए जाने की खबर चलाए जाने के बाद उनके परिजनों का बुरा हाल है. उधर, राज्य सभा में इस मामले में बहस चल रही है. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस खबर को छिपाए जाने और लोगों को भ्रमित करने का सरकार पर आरोप लगा रही है.
कांग्रेसी सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि इराक में फंसे भारतीयों के मुद्दे पर सरकार लोगों को भ्रमित कर रही है मोदी इस मामले में चुप्पी साधे हैं.
हालांकि सरकार ने इस खुलासे पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया ने जून में मोसुल से बगदाद जा रहे 40 भारतीयों के साथ 51 बांग्लादेशी कामगारों के एक समूह को बंधक बना लिया था.
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