वाड्रा के भूमि सौदों पर रिपोर्ट तलब
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के खिलाफ शिंकजा कसता नजर आ रहा है.
राबर्ट वाड्रा के खिलाफ कसता शिंकजा. (फाइल फोटो) |
पिछले दिनों सरकार के आदेश का पालन करते हुए राजस्व विभाग ने एनसीआर के चार जिलों-गुड़गांव, फरीदाबाद, मेवात एवं पलवल के जिला उपायुक्तों से राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ कंपनी के बीच हुए भूमि सौदे को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इन जिलों के उपायुक्तों को कहा गया है कि वे संबंधित क्षेत्रों में राबर्ट वाड्रा से जुड़े भूमि सौदों का पूरा ब्यौरा भेजे.
स्मरण रहे कि इससे पहले चकबंदी विभाग के महानिदेशक पद पर रहते हुए आईएएस अशोक खेमका ने उन चारों जिलों के उपायुक्त से वाड्रा के भूमि सौदों को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. यह रिपोर्ट हुड्डा सरकार के समय मांगी गई थी, लेकिन उस समय चारों जिलों के उपायुक्तों ने जो रिपोर्ट भेजी थी उसमें वाड्रा को क्लीन चिट दी गई थी. विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने वाड्रा मुद्दे पर हुड्डा सरकार को जमकर कोसा था.
भाजपा ने सत्ता में आने के बाद भूमि सौदे की जांच करने का वादा भी किया था. खट्टर सरकार बनने के बाद शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, खेल मंत्री अनिल विज और कैप्टन अभिमन्यु ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश से कराने की बात भी कही थी.
सूत्रों के अनुसार उक्त मंत्रियों ने ही सरकार पर जांच कराने को लेकर दबाव बनाया हुआ है. सरकार ने पिछले दिनों केंद्र सरकार को भी पत्र लिख कर जानकारी मांगी थी. अब इसी कदम को आगे बढ़ाते हुए राजस्व विभाग ने उक्त चारों जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
इस रिपोर्ट मांगने के पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि सरकार कुछ भी कदम उठाने के पहले सभी कानूनी पहलुओं पर गौर करना चाहती है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार फिलहाल कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहती जिसमें विरोध दिखाई दे.
सरकार कुछ ठोस दस्तावेज हाथ लगने के बाद ही जांच कराने के हक में दिखाई दे रही है. सूत्रों के अनुसार चारों जिलों के उपायुक्तों से मांगी रिपोर्ट में नया क्या होगा, इसी पर जांच का रास्ता साफ होगा.
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