कालेधन पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार की दलील 'बिना सोचे समझे': जेठमलानी
राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने काले धन पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार की दी गई दलील पर उन्हें आड़े हाथों लिया.
राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी (फाइल फोटो) |
जेठमलानी ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार को मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल से सहमति प्राप्त किए बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहिए.
जेठमलानी कालाधन मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिककर्ता हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र दोहरे कराधान से बचाव के लिए समझौते का इस्तेमाल उन भारतीयों के नाम के खुलासे से बचने के लिए एक बहाने के तौर पर कर रहा है जिन्होंने विदेशी बैंकों में कालाधन जमा कर रखा है.
बीजेपी से निष्कासित जेठमलानी ने वित्त मंत्री अरूण जेटली को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘आप जिस तरह के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट गए हैं वह अभी तक उठाए गए सबसे बिना सोचे समझे कदमों में से एक है. डीटीएए या अन्य कोई समकक्ष दस्तावेज का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता’’.
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