तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी ने रची थी चिदंबरम और नारायणस्वामी की हत्या की साजिश
तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी ने 29 जनवरी को नारायणस्वामी और 25 फरवरी को चिदंबरम की हत्या की साजिश रची थी.
चिदंबरम और नारायणस्वामी की रची गई थी हत्या की साजिश (फाइल फोटो) |
रीटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत देने के यूपीए सरकार के फैसले की वजह से एक संगठन ने प्रधानमंत्री कार्यालय के तत्कालीन राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जान लेने की साजिश रची थी.
यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी के छह लोगों के खिलाफ 30 सितंबर को पुडुचेरी की एक विशेष अदालत में दाखिल 32 पेज की चार्जशीट में की है.
एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने तीन पाइप बम बनाए और तिरुसेल्वम ने पहला बम 29 जनवरी को नारायणस्वामी के घर के बाहर एक कार के नीचे लगाया था. उसने ऐसा मुथुकुमारन को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था, जिसने श्रीलंका में गृहयुद्ध के विरोध में 2009 में उसी दिन खुद को आग लगाकर जान दे दी थी.
दूसरा पाइप बम तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के शिवगंगा के मानगिरि वाले आवास में फरवरी 2014 में रखा गया था. एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने उस दिन यानी 25 फरवरी 2014 को चिदंबरम के घर में कुछ पैंफलेट्स भी छोड़े थे.
चार्जशीट में कहा गया है कि इन छह लोगों ने 29 जनवरी को नारायणस्वामी और 25 फरवरी को चिदंबरम की जान लेने की योजना बनाई थी. आरोपित रीटेल सेक्टर में एफडीआई की इजाजत देने के यूपीए सरकार के फैसले से नाराज थे और उनका मानना था कि नारायणस्वामी और चिदंबरम की इस नीति को तैयार करने में बड़ी भूमिका थी.
एनआईए का कहना है कि तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी के इन छह मेंबरों ने साजिश रचने के लिए कई बैठकें की थीं.
एनआईए ने मदुरै में कैटरिंग का काम करने वाले तिरुसेल्वम को मुख्य षड्यंत्रकारी बताते हुए कहा, \'इन बैठकों में इन लोगों ने तमिल लोगों के अधिकारों, तमिल और भारतीय मछुआरों के मुद्दे, कुडनकुलम परमाणु संयंत्र परियोजना और रीटेल में एफडीआई पर भारत सरकार की नीतियों की निंदा की थी और उनके प्रति असंतोष जताया था.\'
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