पीएम बनने के बाद सीएनएन को मोदी का पहला इंटरव्यू, कहा देश के लिए जीते-मरते हैं भारतीय मुस्लिम

Last Updated 19 Sep 2014 10:02:46 AM IST

भारतीय मुसलमान देश के लिए जीते- मरते हैं और वे अलकायदा के बहकावे में नहीं आएंगे. पीएम मोदी ने यह बात अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन से कही.


फरीद जकारिया के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत में अलकायदा के शाखा खोलने वाले बयान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर अलकायदा को लगता है कि वह भारतीय मुसलमान को भड़काकर अपने पक्ष में कर सकता है तो यह उसकी गलतफहमी है.

उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान अलकायदा का साथ नहीं देगा. भारतीय मुसलमान भारत के लिए जीते हैं और वे भारत के लिए ही मरेंगे.

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी में अपना पहला इंटरव्यू टीवी चैनल सीएनएन को दिया है. सीएनएन की ओर से यह इंटरव्यू भारतीय मूल के पत्रकार फरीद जकारिया ने लिया है.

सीएनएन न्यूज चैनल पर आप यह इंटरव्यू 21 सितंबर को शाम 4.30 बजे देख सकते हैं. जकारिया ने प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह पहला टीवी इंटरव्यू 13 सितंबर को लिया.

फरीद जकारिया के साथ इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि भारतीय मुसलमान देश के लिए जीते- मरते हैं और वे अलकायदा के बहकावे में नहीं आएंगे.

मोदी ने कहा कि मेरा मानना है कि वे (अल कायदा) हमारे देश के मुसलमानों के साथ अन्याय कर रहे हैं. अगर कोई सोचता है कि भारत के मुसलमान उनके इशारे पर नाचेंगे, तो वे भ्रम में हैं.

उनसे अल कायदा प्रमुख की ओर से जारी उस वीडियो के बारे में पूछा गया था जिसमें भारत और दक्षिण एशिया में अल कायदा का संगठन खड़ा करने की अपील करते हुए कहा गया था कि गुजरात और कश्मीर में ‘दमन’ का सामना कर रहे मुसलमानों को वे मुक्ति दिलाना चाहते हैं.

प्रधानमंत्री से सीएनएन ने इस बारे में भी सवाल किया कि भारत में 17 करोड़ मुसलमानों की विशाल आबादी के बावजूद लगता है कि उनमें से कोई भी नहीं या नाम मात्र के अल कायदा के सदस्य हैं जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुसलमानों पर उसका अच्छा असर है. इस तथ्य के मद्देनजर उनसे सवाल किया गया कि क्या वजह है कि भारत के मुसलमान अल कायदा से प्रभावित नहीं हुए.

इसके जवाब में मोदी ने कहा कि पहली बात तो यह है कि इसका वह कोई मनोवैज्ञानिक और धार्मिक विश्लेषण करने के विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या विश्व में मानवता की रक्षा नहीं की जानी चाहिए. क्या मानवता में विश्वस रखने वालों को एक नहीं होना चाहिए. यह मानवता के विरूद्ध संकट है, न कि एक देश या एक नस्ल के खिलाफ संकट है. अत: यह और कुछ नहीं बल्कि मानवता और अमानुषिकता के बीच लड़ाई है.

अगले सप्ताह अमेरिका यात्रा पर जाने से पहले मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के लिए यह संभव है कि वे वास्तविक रणनीतिक गठबंधन विकसित कर सकें.

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि अमेरिका की तरफ से भारत के साथ रिश्तों को और बढ़ाने की वास्तविक इच्छा है, मोदी ने कहा भारत और अमेरिका के रिश्तों को महज़ दिल्ली और वाशिंगटन की सीमाओं तक नहीं देखा जाना चाहिए. इसका दायरा कहीं बड़ा है. अच्छी बात यह है कि दिल्ली और वाशिंगटन दोनों में इस समझ पर एकरूपता है. दोनों पक्षों ने इसके लिए भूमिका निभाई है.
 

फरीद जकारिया के साथ इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं. साध ही उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ संबंध और भी बेहतर हो सकते हैं.

प्रधानमंत्री इसी महीने अमेरिका जा रहे हैं और न्यूयार्क में राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने से पहले ने एक सभा को संबोधित करेंगे.

मोदी की इस सभा को लेकर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों में भारी उत्साह है.

जकारिया के साथ इस इंटरव्यू में मोदी ने अमेरिका के साथ भारत के संबंध, चीन के साथ संबंध और आर्थिक विकास सहित कई अहम मुद्दों पर बात की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक मैडिसन स्क्वायर गार्डन में 28 सितंबर को भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे.
    
अमेरिका और भारत में सहयोग बढ़ाने और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी फाउंडेशन (आईएसीएफ) इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहा है.
   
आईएसीएफ प्रवक्ता आनंद शाह ने कहा कि मोदी के भाषण से पहले एक शानदार लेजर प्रकाश शो होगा, भारत की ऐतिहासिक हस्तियों के होलोग्राम पेश किए जाएंगे और लोक नृत्य आयोजित होंगे.
    
शाह ने कहा कि जय जयकार कर रहे दसियों हजार समर्थकों के समक्ष अमेरिका के सर्वाधिक अहम दर्जनों राजनीतिक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी का मंच ग्रहण करना सरहदों के पार रिश्तों की क्षमता का प्रदर्शन करेगा.

उन्होंने कहा कि दुनिया के दो अहम लोकतंत्रों- भारत और अमेरिका के लिए वक्त आ गया है कि वे परस्पर सम्मान और साझे मूल्यों के एक मंच पर साथ आएं.

इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण टाइम्स स्क्वायर के क्रिस्टल टावर पर किया जाएगा.

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अभिवादन में भारतीय अमेरिकी समुदाय का एक हिस्सा बनने की अभूतपूर्व मांग ने हमें समुदाय को भागीदारी निभाने का मौका देने के ज्यादा रास्ता खोजने के लिए बाध्य किया.

यह कार्यक्रम इंटरनेट पर पीएमविजिट डॉट ओआरजी पर उपलब्ध होगा.

आईएसीएफ उम्मीद कर रहा है कि छात्र समूह और सामुदायिक संगठन अपने स्थानीय इलाकों में इसे देखने के लिए पार्टियां आयोजित करेंगे.



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