तापस पाल मामला: कोलकाता हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश की अवधि बढाई
कोलकाता हाई कोर्ट के एक निर्णायक न्यायाधीश ने मंगलवार को उस आदेश के अमल पर रोक की अवधि बढ़ा दी जिसमें महिलाओं के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था.
तापस पाल केस: कोर्ट ने स्थगन आदेश की अवधि बढाई (फाइल फोटो) |
दो सदस्यीय खंडपीठ के खंडित आदेश के बाद मामला तीसरे न्यायाधीश न्यायमूर्ति निशिता माहतरे को सौंपा गया था.
न्यायमूर्ति माहतरे ने स्थगन की अवधि 19 सितंबर तक के लिए बढ़ाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर की तारीख निर्धारित की.
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर न्यायमूर्ति गिरीश गुप्ता और न्यायमूर्ति टी चक्रबर्ती की खंडपीठ ने 13 अगस्त को खंडित आदेश दिया था.
एकल पीठ ने तृणमूल सांसद के ‘गोली मारने और बलात्कार करने’ संबंधी बयान पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और सीआईडी जांच कराने का आदेश दिया था.
मामला तब महातरे के रूप में तीसरे न्यायाधीश के पास पहुंचा जिन्हें मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर ने दो न्यायाधीशों के बीच मतभेदों के बिन्दुओं पर निर्णय करने के लिए नामांकित किया था.
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