वाराणसी को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के लिए भारत, जापान ने समझौता किया

Last Updated 30 Aug 2014 05:10:24 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे पर आज दोनो देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.


वाराणसी को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के लिए भारत, जापान ने समझौता किया

समझौते के तहत क्योतो के सहयोग और अनुभव से उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा. क्योतो जापान का स्मार्ट शहर है जो विरासत और आधुनिकता का संगम है.

दोनों देशों के बीच भागीदार शहर संबद्धता समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्रम की शुरूआत है. इस समझौते के मौके पर मोदी और जापान के  प्रधानमंत्री शिंजो एबे मौजूद थे जो भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए यहां विशेष तौर पर तोक्यो से यहां आए थे.

मोदी के यहां पहुंचने के तुरंत बाद समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. समझौते पर जापान में भारत की राजदूत दीपा वाधवा और क्योतो के मेयर दायसाकू कादोकावा ने किये. मोदी अपनी जापान यात्रा के शुरआती दो-दिवसीय चरण में यहां पहुंचे हैं. समझौते पर हस्ताक्षर से जुड़े समारोह से पहले एबे ने क्योतो गेस्ट हाऊस में उनका स्वागत किया.

विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने संवाददाताओं को बताया कि समझौते के तहत धरोहर संरक्षण, शहर के आधुनिकीकरण और कला, संस्कृति और शैक्षणिक क्षेत्र में सहयोग पर सहमति जताई गई है.

उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्र म की शुरूआत है. यह समझौता मोदी की भारत में 100 स्मार्ट शहर बनाने की योजना के अनुरूप है.

इस समझौते के तहत सहयोग का विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा जो आनेवाले दिनों में आगे और आपसी सहमति का आधार बनेगा.

दोनों शहर समानता और आपसी मान-सम्मान पर आधारित सिद्धांतों के तहत आदान-प्रदान और सहयोग का प्रयास करेंगे. ये सहमति वाले क्षेत्रों में लगातार सूचनाओं और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग करेंगे.

 इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद एबे ने मोदी के लिए रात्रिभोज का आयेजन किया जो बड़ी उम्मीदों के साथ यहां आए हैं कि द्विपक्षीय संबंध में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को उच्चतर स्तर पर ले जाया जा सकेगा.

रात्रिभोज से पहले मोदी और एबे ने ‘मछली को भोजन खिलाने’ के एक विशेष समारोह में हिस्सा लिया. जापान में यह रिवाज इसलिए है कि उनका मानना है कि इससे मछली को ताकत और दृढ़ता मिलती है.

इससे पहले मोदी जापान की पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में आज यहां ओसाका इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे. उनकी यह भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा है.

मोदी और जापान की प्रधानमंत्री शिंजो एबे अब एक सितंबर को तोक्यो में विस्तृत बैठक करेंगे. इस दौरान दोनों पक्ष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे.

मोदी के पास इस दौरे के लिए व्यापक एजेंडा है जिससे उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीति एवं वैश्विक भागीदारी को नए स्तर पर ले जाया जा सकेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो एबे ने आज एक दूसरे के प्रति गर्मजोशी भरा व्यवहार प्रदर्शित किया. मोदी भारत.जापान संबंधों को नये स्तर पर पहुंचाने के लक्ष्य के साथ पांच दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे.

इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित मोदी ने एबे को स्वामी विवेकानन्द के बारे में पुस्तकें और भगवद गीता की प्रति भेंट की. एबे भारतीय प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उनसे मिलने के लिए इस ऐतिहासिक शहर में आये. दोनों नेताओं के बीच औपचारिक शिखर बैठक सोमवार को तोक्यो में होगी.

एबे कह चुके हैं कि ‘‘मेरे हृदय में भारत का विशेष स्थान है.’’ मोदी समीपवर्ती ओसाका में हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कार से करीब दो घंटे चलकर यहां पहुंचे. अतिथि गृह में प्रधानमंत्री एबे उनकी आगवानी के लिए मौजूद थे.

मोदी ने एबे को ‘‘स्वामी विवेकानन्द एंड जापान..एक्सप्र्टस फ्राम द लाइफ एंड वर्क आफ स्वामी विवेकानन्द’’ का विशेष स्मारिका संस्करण, स्वामी मेधसानंद की पुस्तक ‘‘विवेकानन्द इन जापान’’ तथा भगवद गीता की एक प्रति भेंट की.

एबे को गीता की संस्कृत प्रति के अलावा इसका जापानी अनुवाद भी भेंट किया गया.

दोनों नेताओं ने जापान की एक पंरपरा को संयुक्त तौर पर संपन्न किया जिसमें मछली को खिलाया जाता है. यह परंपरा किसी भी शुरूआत के लिए शुभ मानी जाती है. दोनों नेता एक सरोवर गये और मछलियों को खाद्य सामग्री दी.

एबे ने मोदी के सम्मान में रात्रिभोज दिया. जापानी प्रधानमंत्री सोमवार को तोक्यो में मोदी की विशेष चाय से खातिर करेंगे.

इस यात्रा से दो दिन पहले पहले दोनों प्रधानमंत्रियों ने ट्विटर के जरिये एक दूसरे और संबंधित देशों से संपर्क साधा था.

मोदी ने जापानी लोगों के साथ संवाद कायम करने के लिए जापानी भाषा में ट्वीट किया था. एबे ने कुछ घंटों बाद इसके जवाब में ट्वीट किया ‘‘भारत का मेरे हृदय में विशेष स्थान है.’’

मोदी पहले कह चुके हैं कि वह वह एबे से मिलने को उत्सुक हैं जिनके नेतृत्व का वह ‘‘बेहद सम्मान’’ करते हैं.

प्रधानमंत्री रविवार को तोजी मंदिर जायेंगे.



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