छह हजार करोड़ रूपए के हेलीकॉप्टर करार के भविष्य का फैसला करेगा रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्रालय 197 हल्के हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 6000 करोड़ रूपए के उस विवादित करार के भविष्य पर फैसला करेगा जो रिश्वतखोरी के आरोपों की सीबीआई जांच की वजह से रोक कर रखा गया है.
रक्षा मंत्रालय के हाथ में हल्के हेलीकॉप्टर करार का भविष्य (फाइल फोटो) |
इस मामले में आरोप है कि एक ब्रिगेडियर ने अगस्ता वेस्टलैंड को अनुबंध दिलाने की एवज में कंपनी से कथित रिश्वत मांगी थी.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस हफ्ते होने वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की एक बैठक के दौरान रक्षा मंत्रालय भारतीय वायुसेना के लिए अमेरिका से अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टरों और चिनुक हेवीलिफ्ट हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 15,000 करोड़ रूपए के करार पर भी चर्चा कर सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली डीएसी बैठक में करार के मुद्दे पर चर्चा की जायेगी और फिर उसके भविष्य पर फैसला कर सकती है.
भारतीय थलसेना और वायुसेना के लिए 197 हल्के उपयोगी हेलीकॉप्टरों की खरीद की जानी है. थलसेना और वायुसेना उनका इस्तेमाल सियाचिन ग्लेशियर जैसे बहुत ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिक एवं रसद ले जाने में करते हैं.
इन हल्के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल पुराने पड़ चुके चीता-चेतक हेलीकॉप्टरों को बदलने के लिए भी किया जाएगा जिन्हें 40 साल पहले सेना में शामिल किया गया था.
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