परिजनों ने करगिल युद्ध के शहीद जवानों को याद किया, आंखें हुई नम
राष्ट्र ने जिस दिन करगिल युद्ध में विजय पताका लहराई, वह दिन देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद जवानों के परिजनों के लिए गर्व के साथ साथ आंखें नम करने वाला होता है.
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह कारगिल के शहीदों के परिजनों से मिलते हुए |
देश करगिल युद्ध में जीत के 15 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. शहीद जवानों के परिजन विजय दिवस के मौके पर हर साल यहां युद्ध स्मारक का दौरा करके शहीदों को याद करते हैं.
वे अपने प्रियजनों को गर्व के साथ याद करते हैं लेकिन इस दौरान उनकी आंखें नम हो जाती हैं.
टोलोलिंग में टू राजपूताना राइफल्स के हमले का नेतृत्व करते हुए शहीद हुए कैप्टन विजयंत थापर के पिता कर्नल वीएन थापर ने कहा, ‘‘यह जगह और यह दिन हमें उन बहादुरों की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किये. मेरा बेटा उनमें से एक था. मुझे दुख है कि मैंने अपना बेटा खोया लेकिन इसी के साथ गर्व की भावना है कि उसने देश के लिए प्राण न्यौछावर किये.’’
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