शिवसेना सांसदों ने रोज़ेदार कर्मचारी को जबरन रोटी खिलाई, संसद में भारी हंगामा

Last Updated 23 Jul 2014 12:29:36 PM IST

शिवसेना के 11 सांसदों पर एक रोज़ेदार को जबरन रोटी खिलाने के आरोप हैं, इसे लेकर संसद में भारी हंगामा है.


रोज़ेदार को जबरन रोटी:संसद में भारी हंगामा (फाइल फोटो)

शून्यकाल शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के एम आई शाहनवाज को यह विषय उठाने की अनुमति दी.

शाहनवाज ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सदन में वहां के एक कर्मचारी को शिवसेना के कुछ सांसदों ने केवल इसलिए चपाती खाने पर मजबूर किया कि क्योंकि वह उन्हें महाराष्ट्रीयन खाना उपलब्ध नहीं करा पाया था.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह विषय इसलिए गंभीर है क्योंकि यह रमजान का पवित्र महीना है और संबंधित कर्मचारी जिसे जबरन चपाती खिलायी गयी , उसका रोजा था.

उन्होंने कहा कि इस कर्मचारी की नेमप्लेट से भी यह साफ था कि वह मुस्लिम है. इसके बावजूद रमजान के महीने में उसके साथ यह व्यवहार किया गया.

इस बीच संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शाहनवाज द्वारा इस कर्मचारी का नाम लेने और इस विषय को उठाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन के बाहर के व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता है और साथ ही यह एक संवेदनशील मामला है और सचाई क्या है , यह मालूम नहीं , इसलिए मामला रिकार्ड में नहीं जाना चाहिए.

बहरहाल, अध्यक्ष ने शिवसेना के अनंत गीते को उनकी बात रखने का अवसर दिया. गीते ने कहा कि रमजान एक पवित्र महीना माना जाता है और सभी उसका सम्मान करते हैं और इसलिए इस पवित्र महीने में किसी को असत्य बात नहीं कहनी चाहिए. उन्होंने ऐसी कोई घटना होने से इंकार किया.

इससे पहले , उन्होंने असत्य शब्द की जगह एक अन्य शब्द का प्रयोग किया था जिस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जतायी और अध्यक्ष ने उस शब्द को कार्यवाही से निकालने की व्यवस्था दी.

इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गर्मागर्मी बढ़ती गयी और एक समय भाजपा के रमेश विधूड़ी यह कहते हुए विपक्ष की ओर तेजी से बढ़े कि यह हिंदुस्तान है. दूसरी ओर, राजद के पप्पू यादव और आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन के असादुद्दीन औवेसी सहित विपक्ष के कई सदस्य विधूड़ी की ओर लपकते देखे गए.

ये सदस्य एक दूसरे को सदन से बाहर निकल कर देख लेने की धमकी देते भी देखे गए.

इसी बीच,सत्ता पक्ष और विपक्ष,दोनों ओर के वरिष्ठ सदस्यों ने बीच बचाव करके मामले को संभाला.

अध्यक्ष ने व्यवस्था बिगड़ते देख सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए साढ़े 12 बजे तक स्थगित कर दी.

सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर नायडू ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है. यह घटना हुई है या नहीं , यह किसी को नहीं मालूम. लेकिन मैं अपने सदस्य : विधूड़ी : के आचरण को अस्वीकार करता हूं और वह अपने इस आचरण के लिए सदन से क्षमा मांगेंगे.

इस बीच, सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने कहा कि माफी मांगना ही काफी नहीं है बल्कि सदस्य के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और इस मामले को आचरण समिति को भेजा जाना चाहिए.

अध्यक्ष ने विधूड़ी से अपनी बात रखने को कहा जिस पर भाजपा के सदस्य ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं था लेकिन फिर भी सदन को अगर ऐसा लगता है तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं.

सदन की बुधवार की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस , वाम , आप, राजद और राकांपा के सदस्य इस मुद्दे को एकजुटता के साथ उठाया. लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें इसे शून्यकाल में उठाने को कहा.

रोटी मुद्दे पर राज्यसभा में भी हंगामा

महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र का भोजन न परोसे जाने पर शिवसेना के सांसदों द्वारा रमजान माह के दौरान रोजा रखे हुए एक मुस्लिम कर्मचारी को कथित तौर पर रोटी खिला कर रोजा तोड़ने के लिए बाध्य करने के मुद्दे पर आज राज्यसभा में सदस्यों ने हंगामा किया और इसे धार्मिक आस्था का उल्लंघन बताया.

बहरहाल, सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से कहा कि वह इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाएं.

बैठक शुरू होने पर जदयू के अली अनवर अंसारी ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि यह चिंताजनक बात है. कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने कहा कि हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए. अन्य दलों के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया.

माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि यह मुद्दा शून्यकाल में उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

अंसारी ने कहा कि वह शून्यकाल में इसकी अनुमति देंगे. उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया.

बताया जाता है कि पिछले सप्ताह महाराष्ट्र सदन में शिवसेना के 11 सांसदों ने महाराष्ट्र का भोजन न परोसे जाने से नाराज हो कर कथित तौर पर एक मुस्लिम कैटरिंग सुपरवाइजर को चपाती खा कर रोजा तोड़ने के लिए बाध्य किया था.

इसी दौरान अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद एक न्यायाधीश को 2005 में मद्रास उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश का दर्जा दिलाए जाने के लिए देश के तत्कालीन प्रधान न्यायमूर्ति आर सी लाहोटी की अगुवाई वाली कोलेजियम पर दबाव डालने का मुद्दा उठाना चाहा.

मैत्रेयन ने एक अखबार की प्रति लहराते हुए कहा ‘‘मैंने प्रश्नकाल निलंबित करने के लिए एक नोटिस दिया है.’’ अखबार में इस मुद्दे से संबंधित खबर प्रकाशित हुई है.

अंसारी ने उनसे कहा ‘‘आप अखबार की प्रति न दिखाएं. हम सब अखबार पढ़ते हैं. आप हमें शिक्षा न दें.’’

उन्होंने मैत्रेयन से कहा कि वह शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाएं. इसके बाद सदन में प्रश्नकाल सामान्य रूप से चला.

 

 



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