चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार लगभग तैयार
उत्तराखंड में मई में शुरू होने वाली चार धाम और हेमकुंट साहिब यात्रा केलिए राज्य सरकार ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं.
चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार लगभग तैयार |
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चंडीगढ़ में बताया कि यमनोत्री और गंगोत्री के लिए दो मई से चार मई को केदारनाथ तथा पांच मई को बद्रीनाथ यात्रा तथा 23 मई को हेमकुंट साहिब यात्रा शुरू होगी.
उन्होंने कहा कि गत वर्ष के केदारनाथ और बद्रीनाथ में हुई प्राकृतिक त्रासदी को देखते हुए यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारियां की हैं.
उन्होंने बताया कि केदारनाथ और बद्रीनाथ तक सडक़ों की मरम्मत का काम लगभग पूरा होने वाला है. इसके अलावा राज्य सरकार ने इन दोनों धामों में श्रद्धालुओं के ठहरने के भी इंतजाम किए हैं.
सुरक्षा सम्बंधी इंतजामों की जानकारी देते हुए श्री रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग पर मोबाईल टॉवर लगाने के अलावा अन्य आधुनिक उपकरण भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसी आपात स्थिति में दूरसंचार सम्पर्क में कोई बाधा न आए.
इसके अलावा राज्य सरकार ने राज्य आपदा बल का भी गठन किया है जो यात्रा मागरे पर किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवान भी यात्रा के दौरान तैनात किए जाएंगे.
श्री रावत ने कहा कि केदारनाथ में बादल फटने की घटना के बाद ग्लेशियर टूटने के कारण हुई तबाही जैसी घटनाओं का समय रहते पता लगाने के लिए वहां वॉच टॉवर स्थापित करने के अलावा उपग्रह से भी निगरानी करने की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में प्रतिदिन पांच सौ श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा वहां लगभग एक हजार लोगों के ठहरने के अस्थायी प्रबंध भी किए गए हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का पहले पंजीकरण किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार केदारनाथ और बद्रीनाथ में पुननिर्माण कार्यों पर अभी तक लगभग 500 करोड़ रूपए खर्च कर चुकी है.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पुननिर्माण आदि कायरे के लिए तीन साल में तीन चरणों में 7700 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की है. इसके अलावा अन्य राज्यों की सरकारों .विभिन्न संगठनों तथा श्रद्धालुओं की ओर से भी 300 करोड़ रूपए सरकार को मिले हैं.
एक सवाल पर उन्होंने बताया कि गत प्राकृतिक त्रासदी में लगभग 4118 लोग मारे गए थे तथा राज्य ने प्रति परिवार पांच लाख रूपए मुआवजा प्रदान किया है.
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