अब 'नेत्र' से निगरानी की तैयारी में है सरकार

Last Updated 06 Jan 2014 03:59:11 PM IST

ट्वीट, ई-मेल, ब्लॉग आदि में बम, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान! ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ला सकते हैं.


'नेत्र' से निगरानी की तैयारी में सरकार (फाइल फोटो)

 इसके लिए सरकार जल्दी ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली नेत्र शुरू करनेवाली है.

यह आपत्तिजनक शब्दों का पता लगा लेगा. सुरक्षा एजेंसियां इसे लागू करेंगी, ताकि ट्वीट, ई-मेल, स्टेटस अपडेट, स्काइप या गूगल टॉक जैसे सॉफ्टवेयरों से गुजरनेवाले शब्दों को पकड़ा जा सके.

डीआरडीओ की प्रयोगशाला सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस एंड रोबोटिक्स ने इसे विकसित किया है.

फिलहाल गृह मंत्रालय नेत्र को अंतिम रूप दे रहा है. सभी सुरक्षा एजेंसियां इसे लागू करेंगी, ताकि ट्वीट, ईमेल, स्टेटस अपडेट, स्काइप या गूगल टॉक के जरिए गुजरने वाले संदिग्ध शब्दों पर पैनी नजर रखी जा सके.

डीआरडीओ के तहत आने वाली लैब सेंटर फॉर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ऐंड रोबॉटिक्स इस सिस्टम को डिवेलप कर रही है.



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