वर्धा आश्रम से बापू के चश्मे गायब
वर्धा के सेवाग्राम आश्रम से महात्मा गांधी के चश्मे 'गायब' हो गए हैं.
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अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि चश्मों का नवम्बर से कुछ पता नहीं चल रहा है.
आश्रम के अध्यक्ष एमएम गडकरी ने कहा कि कर्मचारियों से चश्मों के बारे में किसी से कुछ नहीं कहने को कहा गया है.
गडकरी ने कहा, 'हमने झोपड़ी में रखे गए उन सभी सामानों की एक सूची बनाई है, जिन्हें गांधीजी उपयोग करते थे. इस सूची में गांधी जी का चश्मा शामिल नहीं है. जो लोग झोपड़ी की सफाई करते हैं, उन्होंने महसूस किया कि गांधी जी के चश्मे का कुछ पता नहीं चल रहा है.'
वर्धा के पुलिस अधीक्षक एमजी नाले ने कहा, 'आश्रम की ओर से अब तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. हमें चोरी या फिर चश्मा के गायब होने के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है.'
आखिरकार चश्मा गायब होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज की गई, इस सम्बंध में पूछे जाने पर गडकरी ने कहा कि ट्रस्ट के अधिकारी जल्द ही एक बैठक करेंगे, जिसमें आगे के कदम के बारे में फैसला लिया जाएगा.
महात्मा गांधी 1936 में वर्धा आए थे. उन्होंने नागपुर से 75 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस स्थान पर एक आश्रम बनवाया, जो उनकी कर्मभूमि के रूप में मशहूर हुआ. इस स्थान पर हर वर्ष तीन लाख लोग आते हैं.
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