डोडा-ऊधमपुर-कठुआ संसदीय क्षेत्र वोट डालिए, सरकारी चाय भी पीजिए
जम्मू-कश्मीर की डोडा-ऊधमपुर-कठुआ संसदीय सीट कई तरह से खास है. और कई तरह से यहां के लोगों ने इसे खास बना रखा है.
गुलाम नबी आजाद (कांग्रेस) एवं डा. जितेन्द्र सिंह राणा (भाजपा) (फाइल फोटो) |
जैसे यहां आतंकवादी धमाके करते रहते हैं तो धार्मिक स्थल सुकून पहुंचाते हैं. ऊधमपुर में मतदाताओं के लिए प्रशासन ने चाय की व्यवस्था की है तो कठुआ में मतदान केंद्रों पर वोट की कीमत समझाने वाले मोटिवेशनल इबारत के पोस्टर लगाए गए हैं.
यह संसदीय क्षेत्र आतंकवाद के लिए खासा सुर्खियों में रहा. वहीं इस समूचे संसदीय क्षेत्र में कई धार्मिक स्थल हैं. कटरा का मां वैष्णो देवी मंदिर, रियासी का शिवखौड़ी मंदिर, भोले बाबा का सुद्धमहादेव, मचैल माता, सुकराला माता मंदिर समेत कई दरगाहें भी इसी क्षेत्र में पड़ती हैं.
कठुआ पंजाब से सटा इलाका है. इसकी सीमा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी, आतंकवादी घुसपैठ व आतंकवादी हमले तक जब-तब होते रहे हैं. यहां का पटनीटॉप पर्यटन स्थल तो दुनिया भर में बर्फबारी और नैसर्गिक खूबसूरती के लिए मशहूर है.
वहीं सिंधु जल संधि के तहत यहां स्थापित बगलिहार-चंद्रकोट तथा दुलहस्ती-किश्तवाड़ महत्ती पन बिजली परियोजनाएं पाकिस्तान के अकारण विरोध के कारण चर्चाओं का सबब बनी हैं. इस संसदीय क्षेत्र में होने जा रहे मतदान को लेकर चुनाव आयोग तथा सूबे के प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं, ताकि चुनाव निष्पक्ष और बिना किसी भय के हों.
जम्मू संभाग के डिवीजनल कमिश्नर शांतामन्नू ने खास बातचीत में माना कि चूंकि इस संसदीय क्षेत्र का किश्तवाड़ इलाका कश्मीर के अनंतनाग से सटा है इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आतंकवादी किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दे सकते. वहीं कठुआ की भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. किश्तवाड़ के 40 मतदान केंद्र ऐसे हैं जिन पर बर्फबारी का अब भी असर है.
वहीं कितने ही ऐसे मतदान केन्द्र हैं जो कि बेहद उच्च व दुर्गम इलाकों में बनाए गए हैं जहां आतंकवादी हरकत कर सकते हैं. ऐसे मतदान केन्द्रों के लिए भारतीय वायु सेना की मदद से बीती 10 तारीख से ही रक्षा उपकरण तथा ईवीएम मशीनों के साथ पोलिंग स्टाफ को तैनात कर दिया गया है. इस बार करीब 14 लाख 63 हजार मतदाता दर्ज हैं.
जिनमें 47 फीसद महिलाएं और 53 फीसद पुरुष हैं जिनमें करीब एक लाख से ज्यादा नए युवा मतदाता जुड़े हैं. इस बार दो हजार 93 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं जिनमें एक हजार 63 अति संवेदनशील और संवेदनशील घोषित किए गए हैं. काबिलेगौर है कि किश्तवाड़ का ही पॉडर, डच्चन तथा मड़वाह इलाका अति संवेदनशील माना गया है. पॉडर में नीलम व हीरे की खानें हैं और मड़वाह के राजमा काफी मशहूर हैं.
इस बार चुनाव को त्योहार का रूप दिया गया है. ऊधमपुर की बात करें जिसके तहत तीन विधानसभा सीटें आती हैं. यहां की डिप्टी कमिश्नर यशा मुद्दगल जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी हैं, ने यहां के तमाम 389 मतदान केन्द्रों को खूबसूरती से सजाया है. मकसद लोगों में निर्वाचन के प्रति जोश पैदा करना है.
यही नहीं बल्कि उन्होंने अपने जिले में 10 ऐसे मतदान केन्द्रों को एक आदर्श नमूने के तौर पर चिन्हित किया है जहां पर मतदाता को पीने के पानी, शौचालय, बिजली की सुविधा के अलावा एक कप चाय भी मिलेगी.
यह अपनी तरह का पहला और अनूठा प्रयोग है. ऐसा ही कदम जिला कठुआ के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र सिंह जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, ने तो बाकायदा पोस्टर छपवा कर लगवाए हैं कि ‘मतदाता अपने पांच साल का भविष्य रिश्वत अथवा शराब के लिए कुर्बान न कर दें’.
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