मंदारमनी: सूर्योदय-सूर्यास्त का अद्भुत नजारा
पश्चिम बंगाल का छोटा सा बीच-टाउन है मंदारमनी. यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा अद्भुत होता है.
लाल केकड़ा भी इस बीच का आकर्षण |
बंगाल में टूरिस्ट प्लेस के रूप में हाल में ही विकसित हुआ मंदारमनी प्रसिद्ध दीघा और शंकरपुर से नजदीक है. यह शंकरपुर टाउन से मात्र तीन किमी. की दूरी पर स्थित है.
खास बात यह है कि मंदारमनी टूरिस्ट्स की भीड़भाड़ से अभी अछूता है. यह सूर्योदय और सूर्यास्त के सुंदर दृश्य के लिए भी जाना जाता है. यहां आने वाली लहरें धीमी होती हैं. यही वजह है कि इसे स्विमिंग के लिए उपयुक्त स्थान माना जाता है.
यहां के तट पर लोगों को क्रिकेट और बॉलीवॉल खेलते हुए आसानी से देखा जा सकता है. मंदारमनी 13 किमी. लंबा मोटोरेबल बीच है जो शायद भारत का सबसे लंबा मोटोरेबल बीच रोड है. इस बीच पर आने वाले पर्यटकों को आत्मिक शांति का अनुभव होता है.
कब जाएं
मंदारमनी में मानसून सितम्बर के अंत तक रहता है. इस दौरान यहां लगातार बारिश होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए यहां मानसून और सर्दियों के बीच का समय यानी अक्टूबर से दिसम्बर तक का समय पर्यटन की दृष्टि से सुहावना रहता है.
क्या देखें
मंदारमनी बीच इस तटीय शहर का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण यहां का समुद्री तट है. यह 13 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. यहां पाया जाने वाला लाल केकड़ा भी इस बीच का आकर्षण है.
दीघा बीच मंदारमनी के नजदीक ही दीघा बीच पड़ता है. दीघा बीच को ’ब्रिटेन ऑफ द ईस्ट’ कहते हैं. यह सात किमी. में फैला है. यहां के सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बहुत सुंदर होता है.
इस समुद्र तट पर स्विमिंग करना बहुत सुरक्षित है क्योंकि यहां का समुद्र बहुत शांत है और बीच लगभग एक किलोमीटर तक उथला है.
औपनिवेशिक शासनकाल के दौरान इसकी पहचान बीरकुल के नाम से हुई. यहां के बीच रिसॉर्ट्स को शुरू में ‘ब्रिटेन ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता था. 1923 में अंग्रेज पर्यटक जॉन फ्रैंक स्मिथ ने इस स्थान को व्यवस्थित किया.
शंकरपुर बीच मंदारमनी के पास ही एक और तटीय शहर शंकरपुर है. यहां का समुद्र तट भी सैलानियों को आकर्षित करता है. इस तट को दीघा का जुड़वां बीच भी कहते हैं. यहां दीघा-कंताई रोड द्वारा पहुंच सकते हैं.
इसे फिशिंग हार्बर भी कहा जाता है जो कि शंकरपुर फिशिंग हार्बर प्रोजेक्ट के नाम से प्रसिद्ध है. डेल्टा बीच के अंत को डेल्टा का ‘मुहाना’ कहते हैं. यह डेल्टा घने झाऊ पेड़ों से ढका है. इस डेल्टा को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं.
बिड़ला इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी म्यूजियम 1959 में यहां साइंस सेंटर, बिड़ला इं डस्ट्रियल एंड टेक्नो लॉजिकल म्यूजियम बनवाया गया. इस म्यूजियम का मुख्य आकर्षण एनिमेटेड और इंटरएक्टिव मॉडल्स हैं.
यह म्यूजियम कई शैक्षिक क्रियाकलाप भी करता है जैसे साइंस शो, स्काई ऑब्जर्वेशन और क्रिएटिव एबिलिटी.
यहां फिजिक्स, ट्रांसपोर्ट, मोटिव पावर, बायोटेक्नोलॉजी, लाइफ साइंस और मैथमेटिक्स की अलग से गैलरियां हैं.
कैसे जाएं
वायु मार्ग
मंदारमनी का नजदीकी एयरपोर्ट कोलकाता है, जो देश के अधिकतर बड़े शहरों से जुड़ा है. कोलकाता एयरपोर्ट से टैक्सी द्वारा मंदारमनी पहुंच सकते हैं. रेल मार्ग यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन दीघा टाउन है.
यहां के लिए हावड़ा से तीन ट्रेनें उपलब्ध हैं. यहां का किराया बहुत कम है. स्टेशन पहुंचकर आप टैक्सी या बस द्वारा बीच तक पहुंच सकते हैं.
सड़क मार्ग
कोलकाता में हावड़ा से चावलाखोला तक बस सेवा उपलब्ध है. आप चाहें तो दीघा जाने वाली बस से भी मंदारमनी जा सकते हैं. राज्य परिवहन निगम की बसें उपलब्ध रहती हैं. इनका किराया भी काफी कम होता है. साथ ही, कई डीलक्स बसें भी चलती हैं.
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