खूबसूरत झीलों का शहर उदयपुर

Last Updated 13 Aug 2012 12:53:45 PM IST

उत्तर भारत के सबसे खूबसूरत शहर उदयपुर को झीलों का शहर भी कहा जाता है. शहर में पर्यटकों लुभाने के लिए कई चीजें मौजूद हैं.


प्राकृतिक और मानवीय रचनाओं से समृद्ध तथा अपने सौंदर्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध उदयपुर पांच झीलों का शहर है जो अरावली पहाड़ी के पास राजस्थान में स्थित है.

इसे पहले मेवाड़ के नाम से जाना जाता था. यहां का मेवाड़ राजवंश खुद को सूर्य से जोड़ता है. यहां का इतिहास संघर्ष का इतिहास रहा है, जो कभी स्वतंत्रता, तो कभी स्वाभिमान या धर्म के लिए हुआ.

संघर्ष कभी राजपूतों के बीच तो कभी मुगल या अन्य शासकों के साथ हुआ. उदयपुर जैसी देशभक्ति, उदार व्यवहार किसी दूसरे स्थान पर नहीं मिलता.

झीलों के साथ ही मरुभूमि का अनोखा संगम और कहीं देखने को नहीं मिलता. महाराणा उदय सिंह ने अपनी पुरानी राजधानी चित्तौड़गढ़ पर मुगलों के लगातार आक्रमण से परेशान होकर पिछौला झील के तट पर अपनी नयी राजधानी बनाई जिसे उदयपुर का नाम दिया गया. शानदार बाग बगीचे, झीलें, संगमरमर के महल, हवेलियां आदि इस शहर की शान में चार चांद लगाते हैं.

क्या देखें

उदयपुर में यहां के शासकों द्वारा बनवाये गये महल, झीलें, बागीचे तथा स्मारक मौजूद हैं, जो अपनी शान और शौकत की गाथा कहते हैं. ये सारी चीजें सिसौदिया राजपूत शासकों के गुणों और उनकी वीरता की याद दिलाती हैं.

उदयपुर घूमने के लिए कम से कम तीन दिन का समय पर्याप्त होता है. इसके अलावा अगर आप इसके आसपास के क्षेत्र में भी घूमना चाहते हैं दो दिन और देने चाहिए.

यहां से पिछोला झील का सुंदर नजारा दिखता है. इस भवन के साथ बागीचा लगा हुआ है. कांच का बुर्ज एक कमरा है जो लाल रंग के शीशों से बना है.

सिटी पैलेस


कॉम्पलेक्स चार सौ वर्षों में बने भवनों के समूह वाले इस पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी के आरंभ में हुई. इसे बनाने का विचार राजा उदय सिंह को एक संत ने दिया था. यह भव्य परिसर है जिसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान रहा है.

सिटी पैलेस संग्रहालय

इस संग्रहालय में मेवाड़ शैली में बने श्रीनाथजी, एकलिंगजी और चतुभरुजजी के चित्र नजर आएंगे. इनके अलावा महल और चौक भी नजर आएगा. यहां इनके बनने का समय और बनाने वालों का भी उल्लेख मिलता है.

कांच गैलरी:

यह अनोखी गैलरी धन के अपव्यय को दर्शाती है. राणा सज्जन सिंह ने 1877 में इंग्लैंड के एफ एंड सी ओसलर एंड कंपनी से कांच के इन सामनों की खरीदारी की थी. इनमें कुर्सी, पलंग, सोफा आदि सभी कांच की बनी हुई हैं.

विंटेज कार:

यह संग्रहालय सिटी पैलेस से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर विंटेज तथा दूसरी पुरानी कारों का अच्छा संग्रह देखने को मिलता है.

जगदीश मंदिर:

इंडो-आर्यन शैली में बने इस मंदिर की स्थापना 1651 में हुई थी. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति स्थापित है.

सात बहनें:

उदयपुर में शासन करने वाले शासक पानी के महत्व को समझते थे. इसलिए उन्होंने कई डैम तथा जलकुण्ड बनवाए थे. ये सभी उस दौर की इंजीनियरिंग के सबूत हैं.

पिछोला, दूध थाली, गोवर्धन सागर, कुमारी तालाब, रंगसागर, स्वरूप सागर और फतह सागर यहां की साथ प्रमुख झीलें हैं जिन्हें सामूहिक रूप से उदयपुर की सात बहनों के नाम से जाना जाता है.

कब जाएं:

अगर आप उदयपुर जाने का प्लान मानसून में बनाते हैं तो इससे आपको दोहरा लाभ होगा. एक तो आप मानसून के दौरान इस शहर की असाधारण खूबसूरती देखेंगे, दूसरे यहां की बारिश का आनंद भी ले सकते हैं. बारिश का मौसम पर्यटकों को बरबस ही उदयपुर की ओर आकर्षित करता है.


कैसे जाएं

हवाई मार्ग :

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा महाराणा प्रताप है. यह डबौक में है. जयपुर, जोधपुर औरंगाबाद, दिल्ली तथा मुंबई से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं.

रेल मार्ग :

उदयपुर में रेलवे स्टेशन है और देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा है.

सड़क मार्ग :

उदयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित है. यह मार्ग जयपुर से नौ घंटे, दिल्ली से 14 घंटे तथा मुंबई से 17 घंटे की दूरी पर स्थित है.
 



 



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