बरसात में और खूबसूरत हो जाता है शिलांग
शिलांग एक खूबसूरत शहर है. यहां के प्रकृतिक सौन्दर्य से आकर्षित होकर वर्ष भर पर्यटक आते हैं. बरसात में छटा देखते ही बनती है.
शिलांग कभी पहाड़ियों से घिरा छोटा सा गांव हुआ करता था |
हरी-भरी पहाड़ियों और सुंदर वादियों से घिरा छोटा-सा शहर है शिलांग, जो पहले असम की राजधानी थी. देश के पूर्वोत्तर में बसे इस खूबसूरत शहर की ओर पर्यटक वर्षभर आकर्षित होते हैं लेकिन बरसात के मौसम में यहां की छटा देखते ही बनती है.1695 मीटर की ऊंचाई पर बना यह शहर मानसून के दौरान और ज्यादा खूबसूरत दिखता है.
शहर के चारों ओर स्थित झरनों को मानो नई जान मिल जाती है. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग खासी जनजाति के हैं. इनकी खासियत यह है कि यहां परिवार का मुखिया मां को माना जाता है जबकि देश के ज्यादातर भागों में पिता ही घर का मुखिया होता है. यहां के लोग मां का उपनाम ही अपने नाम के आगे लगाते हैं.
शिलांग वर्ष 1864 तक खासी और जयंतिया पहाड़ियों से घिरा हुआ छोटा सा गांव हुआ करता था. असम के विभाजन के बाद मेघालय बना और फिर 1972 में शिलांग को नवनिर्मित मेघालय की राजधानी घोषित किया गया. इस छोटे से शहर में घूमने के लिए आप पैदल भी निकल सकते हैं या फिर चाहें तो सिटी बस या पूरे दिन के लिए टैक्सी किराये पर लेकर ‘भारत का स्कॉटलैंड’ कहे जाने वाले इस शहर के प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं.
शिलांग के आस-पास प्रमुख दर्शनीय स्थल
शिलांग पीक:
शहर का यह सबसे ऊंचा प्वाइंट है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1965 है. यहां से पूरे शहर का विहंगम दृश्य नजर आता है. हालांकि यह क्षेत्र वायुसेना के अधीन है इसलिए यहां के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है.
हाथी झरना:
यह अपर शिलांग में स्थित है जहां वायुसेना का ईस्टर्न एयर कमांड भी है. यहां कई छोटे-छोटे झरने एक साथ गिरते हैं. यहां एक छोटे से रास्ते के सहारे झरने के नीचे भी जाया जा सकता है, जहां एक छोटी झील बनी हुई है.
मीठा झरना:
हैप्पी वैली में स्थित यह झरना बहुत ऊंचा और बिल्कुल सीधा है. बरसात के मौसम में इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है.
चेरापूंजी:
शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चेरापूंजी. हालांकि चेरापूंजी दुनियाभर में मशहूर है लेकिन कुछ समय पहले इसका नाम बदलकर सोहरा रख दिया गया है. दुनियाभर में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान चेरापूंजी भी है. यहां से थोड़ी ही दूरी पर खूबसूरत झरना नोहकालीकाई है. यहां पर कई गुफाएं भी बनी हुई हैं, जिनमें से कुछ कई किलोमीटर लंबी.
आप चाहें तो यहां से बांग्लादेश भी देख सकते हैं क्योंकि चेरापूंजी बांग्लादेश की सीमा के करीब है.
उमियाम:
अगर आपको वाटर स्पोर्ट्स में दिलचस्पी है तो उमियाम जरूर जाएं. शिलांग से मात्र 20 किमी. की दूरी पर स्थित उमियाम. यहां वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है, जो उमियान हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की वजह से बनी झील पर स्थित है.
कैसे जाएं
हवाई यात्रा
शिलांग जाने के लिए हवाई जहाज सबसे अच्छा साधन है. शिलांग से 40 किलोमीटर दूर पर उमरोई एयरपार्ट है. कोलकाता और गुवाहाटी से शिलांग के लिए सीधी फ्लाइट है. दिल्ली से कोलकाता और गुवाहाटी के लिए भी सीधी उड़ाने हैं.
रेल
गुवाहाटी शिलांग का नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो शिलांग से 104 किलोमीटर दूर है. यहां से शिलांग पहुंचने में लगभग साढ़े तीन घंटे लगते हैं. गुवाहाटी तक रेल के द्वारा पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से गुवाहाटी पहुंचने के लिए कई ट्रेनें हैं.
सड़क मार्ग
गुवाहाटी से असम परिवहन निगम और मेघालय परिवहन निगम की बसें शिलांग से हर आधे घंटे में चलती हैं. आप चाहें तो टैक्सी भी कर सकते हैं.
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