2025 तक टीबी खत्म करने में भारत की मदद करेगा डब्ल्यूएचओ

Last Updated 11 Sep 2017 05:02:02 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक भारत 2025 तक क्षयरोग (टीबी) को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें डब्ल्यूएचओ उसकी मदद करेगा.


(फाइल फोटो)

विश्व स्वास्थ्य इकाई ने दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र के देशों को 2030 तक टीबी खत्म करने की वर्तमान गति को बनाए रखने के लिए कहा है. उसने उनके संकल्पों की सराहना की और सभी देशों से राष्ट्रीय योजनाओं को मार्च में दिल्ली के लिए जारी की गई कार्य योजना के साथ मिलाने और उनकी समीक्षा करने की अपील की है. इस लक्ष्य को पाने में वह भारत सरकार के साथ मिलकर इस जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए नीतियां विकसित करेगा.
    
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक, पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, भारत अब प्रतिबद्ध हो रहा है, जैसे की हम 2030 में टीबी उन्मूलन की बात कर रहे हैं, मालदीव मेरे विचार में इस लक्ष्य को 2020 तक प्राप्त कर लेगा. भारत ने घोषणा की है कि वह इसे 2025 तक हासिल कर लेगा. ऐसे में इन लक्ष्यों को पाने में मदद करने के लिए हम उन देशों के साथ हैं जिन्हें इसे अपने लिए तय किया है.



डब्ल्यूएचओ वैश्विक टीबी रिपोर्ट के आंकड़ों की मानें तो 2015 में भारत में टीबी के 28 लाख मामले सामने आए थे और उस साल इस बीमारी से 4.8 लाख लोगों की मौत हो गई थी.
    
भारत में इस बीमारी के अत्याधिक प्रसार के कारण वह इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा या नहीं के जवाब में, सिंह ने कहा, डब्ल्यूएचओ इस लक्ष्य को हासिल करने में भारत की मदद करेगा और हम भारत में प्रचलित इस समस्या के समाधान के लिए सरकार के साथ मिलकर नीतियों को विकसित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
    
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में, युवा वर्ग किसी भी दूसरी संक्रामक बीमारी के मुकाबले टीबी के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और इसके कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं.

भाषा


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