कोरोना से त्रस्त अमेरिका ने चीनी यात्रियों पर सीमा-प्रवेश प्रतिबंध लगाया

Last Updated 05 Jan 2023 09:35:33 PM IST

अमेरिका ने 5 जनवरी से चीनी यात्रियों के लिए सीमा प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की नीति लागू करनी शुरू कर दी। इसका कारण यह है कि चीन में नए वायरस पैदा होने की संभावना है, जो अमेरिका को महामारी फैलने के खतरे में डाल सकता है।


अमेरिका ने चीनी यात्रियों पर सीमा-प्रवेश प्रतिबंध लगाया

वास्तव में, चीन में हाल ही में कोविड-19 को संक्रमित करने वाला वायरस मुख्य रूप से बीए.5 का प्रकोप है, जो पहले ही अमेरिका में फैल चुका है। जबकि चीन के शांगहाई और हांगचो शहर में पाया गया वायरस बीबी1.5 आजकल अमेरिका में सबसे मजबूत संक्रमित वायरस है। चीन वैश्विक महामारी के संक्रमण का शिकार है, लेकिन अमेरिका ने तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ करते हुए चीनी यात्रियों पर सीमा-प्रवेश प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।

अमेरिका के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में संक्रमित वायरस में लगातार बदलाव हो रहा था। सीडीसी का अनुमान है कि पूर्वोत्तर अमेरिका में कोविड-19 के 75 प्रतिशत नए पुष्ट मामले इइ1.5 वायरस से संक्रमित हैं। अब बीबी1.5 वायरस अमेरिका में फैलने वाला मुख्य वायरस बन गया है, जो सबसे तेजी से फैल सकता है।

बीबी1.5 वायरस अब दुनिया भर के कम से कम 74 देशों और क्षेत्रों में पाया गया है। अमेरिका के 43 राज्यों में इस वायरस का पता चला है। यह समझना होगा कि चीन में फैल रहा इअ5 या हाल ही में खोजा गया बीबी1.5 वायरस अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों में पहले ही फैल चुका है।

दुनिया में कोविड-19 के प्रसार के साथ ही लगातार नए वायरस पैदा हुए हैं। दुनिया में किसी भी जगह कोई भी नया वायरस पैदा हो सकता है। लेकिन सीमा पर प्रवेश पर रोक लगाने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और इसकी जरूरत भी नहीं है।

अब चीन महामारी-रोधी उपायों और आर्थिक व सामाजिक विकास के बीच अच्छी तरह से ताल-मेल बिठाने की कोशिश कर रहा है। चीन में महामारी की स्थिति नियंत्रण में है। देश के विभिन्न स्थलों में आर्थिक पुनरुत्थान होने लगा है। खास तौर पर चीन ने विदेशी लोगों के चीन आगमन को सुविधा देने के मामले में कदम उठाने लगा है, जिसका व्यापक स्वागत किया है।

पिछले तीन वर्षो में चीन ने कोविड-19 की संक्रमण स्थिति के अनुसार, अपनी महामारी विरोधी नीति को समय-समय पर समायोजित किया है। चीन में इस महामारी के फैलने की स्थिति और इस महामारी से मरने वालों की संख्या भी सबसे निचले स्तर पर रही है। महामारी के नए बदलाव और नई स्थिति को देखते हुए चीन ने वैश्विक फ्लू साझा डेटा कोष के जरिए चीन में नए संक्रमित वायरस के जीन जैसे डेटा भी साझा किए।

जबकि अमेरिका ने हमेशा महामारी-रोधी कार्यो का राजनीतिकरण करके दूसरों को बदनाम करने की पूरी कोशिश की है। पिछले तीन वर्षो के अनुभवों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि महामारी से राजनीतिक तरीकों से नहीं लड़ा जा सकता है। मानव जाति के लिए महामारी से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका एकता और सहयोग है।

आईएएनएस
बीजिंग


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