’ओमीक्रॉन‘ के डर से अमेरिका ने भी लगाया यात्रा प्रतिबंध

Last Updated 28 Nov 2021 02:15:58 AM IST

कोविड-19 महामारी फैलने के तकरीबन दो साल बाद दुनिया बीते दिनों सामने आए वायरस के नए स्वरूपों से संभवत: अधिक खतरनाक एक और नए स्वरूप से जूझती नजर आ रही है।


’ओमीक्रॉन‘ के डर से अमेरिका ने भी लगाया यात्रा प्रतिबंध

दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया स्वरूप सामने आने के बाद अमेरिका, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने उस क्षेत्र से आने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका सोमवार से दक्षिण अफ्रीका और क्षेत्र में सात अन्य देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि इसका मतलब है कि देश लौट रहे अमेरिकी नागरिकों और स्थायी निवासियों के अलावा इन देशों से न कोई आएगा और न ही कोई वहां जाएगा। बाइडन ने कहा कि नया स्वरूप ‘गंभीर चिंता’ का विषय है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि जब तक दुनियाभर में टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक महामारी खत्म नहीं होगी। नए स्वरूप ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को तुरंत प्रभावित किया। एशिया, यूरोप व अमेरिका में प्रमुख सूचकांक गिर गए।

ब्रिटेन, यूरोपीय संघ के देशों और कुछ अन्य देशों ने शुक्रवार को नई यात्रा पाबंदियां लगाई और इनमें से कुछ देशों ने नए स्वरूप का पता चलने के कुछ घंटों के भीतर पाबंदियां लगा दी। यह पूछे जाने पर कि अमेरिका ने सोमवार तक का इंतजार क्यों किया, इस पर बाइडन ने कहा, ‘केवल इसलिए कि मेरे चिकित्सा दल ने यही सिफारिश की है।’ यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उसरुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, ‘‘उड़ानों को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए, जब तक कि हमें इस नए स्वरूप से उत्पन्न खतरे के बारे में स्पष्ट समझ न हो और इस क्षेत्र से लौटने वाले यात्रियों को सख्त पृथकवास नियमों का पालन करना चाहिए।’’ उन्होंने आगाह किया कि उत्परिवर्तन से संक्रमण कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
अमेरिकी सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने कहा कि ओमीक्रॉन का अभी अमेरिका में कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने कहा, हालांकि हो सकता है कि यह अन्य स्वरूप के मुकाबले अधिक संक्रामक हो और इस पर टीके का उतना असर न हो, लेकिन ‘हमें अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं पता है।’ दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने कहा कि अभी ऐसे कोई संकेत नहीं है कि क्या इस स्वरूप से अधिक गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। अन्य स्वरूपों की तरह कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे गए हैं। हालांकि, कुछ आनुवंशिक बदलाव चिंताजनक लगते हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इससे जन स्वास्थ्य को कितना खतरा है। पहले कुछ स्वरूपों जैसे कि बीटा स्वरूप ने शुरुआत में वैज्ञानिकों को चिंता में डाला था लेकिन यह इतना ज्यादा नहीं फैला था।

एपी
ब्रुसेल्स


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