क्वारंटाइन रहने का भी वेतन काटेगी एलआईसी!

Last Updated 27 May 2020 03:41:38 AM IST

कोरोना की मार सरकार की छतछ्राया वाले उपक्रमों के कर्मचारियों पर भी पड़ने लग गई है।


क्वारंटाइन रहने का भी वेतन काटेगी एलआईसी!

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने लॉकडाउन की वजह से दफ्तर नहीं आ पाने अथवा क्वारंटाइन होने वाले कर्मियों को उक्त अवधि का अवकाश लेने का फरमान जारी किया है जिन कर्मियों के पास अवकाश नहीं बचे हैं, उनका इस अवधि का वेतन कटेगा।
नए भर्ती वाले 8500 कर्मियों के लिए एलआईसी का मंगलवार को जारी यह आदेश अधिक परेशानी वाला है क्योंकि जिनकी नौकरी ही अभी शुरू हुई है, उनके पास एक या दो महीने का अवकाश नहीं हैं। यानी लॉकडाउन की वजह से दफ्तर नहीं आने वाले नए कर्मियों को अपना पूरा वेतन कटाना पड़ेगा। एलआईसी ने अपने आदेश में यह भी साफ लिखा है कि मूल कार्यालय से बाहर फंसे कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम (घर से काम) की अनुमति नहीं दी जाएगी। एलआईसी का यह आदेश लॉकडाउन के वक्त गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन के तहत जो निर्देश जारी किए थे उसके विपरीत है। गृह मंत्रालय ने साफ कहा था कि कर्मी घर पर रहेंगे और उनसे घर से ही काम लिया जा सकता है। इस निर्देश में साफ कहा गया था कि  इसे लॉकडाउन माना जाएगा और सभी कर्मियों को पूरे वेतन की पात्रता होगी। एलआईसी की स्थिति उन छोटी इकाईयों जैसी नहीं है जो कारोबार नहीं चलने की दलील देकर वेतन देने में आनाकानी कर रही हैं। एलआईसी भारत के सबसे मजबूत उपक्रमों में से एक है। उसके पास 36 लाख करोड़ रुपए की संपत्तियां हैं। पिछले साल उसने 3,37000 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया है। एलआईसी के सवा लाख कर्मी हैं।

एलआईसी ने कहा है कि वह क्वारंटाइन अवधि में सिर्फ उन्हीं कर्मियों को विशेष अवकाश प्रदान करेगा जिनको संक्रमण या उसकी आशंका दफ्तर आने की वजह से हुई है अथवा दफ्तर ने उन्हें क्वारंटाइन होने के लिए कहा है। विशेष अवकाश देने की पात्रता उच्च अधिकारियों को ही होगी।
 एलआईसी ने डाक्टर की सलाह पर होम क्वारंटाइन होने वाले कर्मियों को कहा है कि उन्हें हर हाल में चिकित्सा अवकाश या विशेषाधिकार अवकाश (पीएल) लेना होगा। जो कर्मी लॉकडाउन की वजह से दफ्तर नहीं आ सके हैं उन्हें विशेषाधिकार अवकाश (पीएल) लेने और मेडिकल सर्टिफिकेट देने को कहा गया है। एलआईसी में  8000 क्लर्क और 500 अधिकारियों की नई भर्ती हुई है। लॉकडाउन अवधि में दफ्तर नहीं आना उनकी वरिष्ठता पर भी असर डालेगा और उनके प्रशिक्षण की अवधि भी आगे बढ़ जाएगी। अगर एलआईसी लॉकडाउन की वजह से उनकी अनुपस्थिति को सरकार के कहे अनुसार काम पर मान लेती तो उन्हें ऐसा नुकसान नहीं होता। सबसे बड़ा सवाल यह है एलआईसी ने लॉकडाउन अवधि का अवकाश या वेतन कटाने वाला आदेश मार्च में ही क्यों नहीं निकाला?

अजय तिवारी/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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