कोरोना ने फीका किया ईद का रंग
कोरोना महामारी, लॉकडाउन और उसकी पाबंदियां, कहीं आने-जाने पर रोक और एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखने की बाध्यता ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में ईद का जश्न फीका कर दिया।
अमृतसर के ऐतिहासिक खैरूदीन जामा मस्जिद के सामने सोमवार को ईद की नमाज पढ़ने के बाद अपने पिता के साथ सेल्फी लेते बच्चे। |
दोनों पड़ोसी मुसलमान देशों में ईद के मौके पर भी लोगों को अपने-अपने घरों में बंद रहना पड़ा। जो लोग महीने भर के रोजे के बाद ईद की खुशियां बांटने निकल पड़ते थे, वे सभी कोरोना संक्रमण फैलने के डर से इस बार चुपचाप अपनी-अपनी चाहरदीवारी में ईद मनाते नजर आए।
पाकिस्तान में सरकार ने ईद की नमाज के दौरान अनिवार्य रूप से दो गज की दूरी बनाए रखने का निर्देश देने के साथ-साथ रिश्तेदारों से मिलने नहीं जाने और दावतें नहीं देने की सलाह दी है। रेलवे बंद होने के कारण घर से दूर रह रहे लोग सबसे महत्वपूर्ण और बड़े त्योहार पर अपने घर नहीं जा सके।
दो गज की दूरी और अन्य एहतियातों का कड़ाई से पालन करते हुए मानक संचालन प्रक्रिया के तहत मस्जिदों, ईदगाह और अन्य खुली जगहों पर सभी बड़े शहरों और कस्बों मे ईद की नमाज अदा की गयी।
बांग्लादेश में पाबंदियों के साथ ईद : बांग्लादेश में भी लाखों की संख्या में लोगों ने तमाम पाबंदियों के साथ ईद की नमाज अदा की। हजारों की संख्या मे लोगों ने तमाम पाबंदियों का पालन करते हुए ढाका स्थित बैतूल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद में नमाज अदा की। सरकार की ओर से जारी सलाह के विपरीत कई बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने भी मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ी।
मिस्रवासियों ने घर में रह कर मनाई ईद : मिस्र में वैश्विक महामारी कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर देशवासियों ने निर्धारित नियमों का पालन करते हुए घर में रहकर ईद-अल-फितर का त्योहार मनाया। देश में कोरोना के मद्देनजर पूर्णबंदी, सामाजिक दूरी का पालन के साथ-साथ रविवार दोपहर से 13 घंटे का कर्फ्यू के साथ सुरक्षा के उपाय बढ़ाए गए।
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