बातचीत और आतंकवाद एक साथ संभव नहीं : पाक के पूर्व राजदूत हक्कानी

Last Updated 13 Jun 2019 05:46:44 AM IST

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने ‘आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते’ के भारत के रुख का समर्थन किया।


अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी उच्च-स्तरीय बातचीत तब-तक निर्थक रहेगी जब तक इस्लामाबाद अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को नहीं हटाता।

हक्कानी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान की भारत के साथ वार्ता की हालिया पहल को उस पर पड़ रहे आर्थिक एवं अंतरराष्ट्रीय दबाव के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

उनका यह बयान किर्गिस्तान में 13-14 जून को आयोजित हो रहे ‘शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन’ से पहले आया है। भारत और पाकिस्तान क्षेत्रीय सुरक्षा समूह का हिस्सा हैं और दोनों देशों के नेता बिश्केक में होने वाली बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।

हक्कानी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य कोई भी उच्च-स्तरीय वार्ता तब तक निर्थक है जब तक कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को हटा नहीं देता। उन्होंने कहा, ‘1950 से दिसम्बर 2015 के बीच दोनों देशों के नेताओं ने 45 बार मुलाकात की है।

लेकिन इन बातचीत से कभी भी स्थायी शांति कायम नहीं हो पाई।’    उन्होंने कहा, वार्ता के दरवाजों को कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं माना जाना चाहिए...।’

हक्कानी ‘हडसन इंस्टीट्यूट में ‘दक्षिण और मध्य एशिया’ के निदेशक हैं, जिन्हें पाकिस्तानी शासन और जिहादी विचारधारा का निर्विवाद आलोचक माना जाता है।

भाषा
वॉशिंगटन


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