चीन ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान विवाद पर मध्यस्थता के लिए बैठक की
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर मध्यस्थता के लिए चीन ने मंगलवार को दोनों देशों के साथ बैठक की.
चीन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान विवाद पर मध्यस्थता की. |
यह त्रिपक्षीय बैठक चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों वांग यी, ख्वाजा आसिफ और सलाहाउद्दीन रब्बानी के बीच हुई. इसका मकसद तीनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को प्रोत्साहित करना है. बीजिंग में होने वाली यह पहली त्रिपक्षीय बैठक है.
सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने वांग यी के हवाले से बताया, "पड़ोसी देश होने के कारण चीन, अफगानिस्तान और पाकिस्तान स्वाभाविक रूप से एक दूसरे के बीच सहयोग को मजबूत करने का प्रयास करेंगे. यह हमारे समान हितों के अनुरूप हैं और हमारे लिए एक अच्छी बात है."
वांग यी ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम शांति प्रक्रिया में अफगानिस्तान की सहायता करने और काबुल और इस्लामाबाद के बीच संबंधों को सुधारने में मदद के लिए सहमत हुए हैं. अफगान शांति प्रक्रिया पर पाकिस्तान व्यावहारिक कार्रवाई करेगा."
वांग यी ने कहा, "हम फरवरी में होने वाली काबुल प्रक्रिया बैठक में भी शामिल होंगे. हमने तालिबान से शांति प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया है और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है. चीन अफगान शांति प्रक्रिया का साथ देगा."
रब्बानी ने कहा कि अफगान सरकार चीन के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद से लड़ने के हमारे प्रयासों को जारी रखेंगे. आतंकवाद से लड़ने के लिए संयुक्त सहयोग की आवश्यकता है. हमारा मानना है कि एक समान खतरे से लड़ने के लिए यह पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों में सुधार करेगा."
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि काबुल और इस्लामाबाद दो 'मजबूत भाई' हैं.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान सीमा प्रबंधन और अफगानिस्तान के साथ शरणार्थियों के मुद्दों को हल करने का आग्रह करता है."
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि तीनों विदेश मंत्रियों के बीच राजनीतिक विश्वास, सामंजस्य, विकास और पाकिस्तान, चीन एवं अफगानिस्तान के बीच आतंकवाद रोधी प्रयास और सुरक्षा सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया है.
चीन आर्थिक गलियारे का निर्माण करने के लिए पाकिस्तान में 50 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है. यह गलियारा चीन के दूरदराज के पश्चिमी क्षेत्रों को अरब सागर से जोड़ेगा. चीन के नेताओं ने अफगानिस्तान के साथ आर्थिक और व्यापार संबंधों को भी बढ़ाया है.
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