अमेरिकी बिजनेस स्कूल कर सकते हैं भारत में जीएसटी क्रियान्वयन का अध्ययन : मोदी

Last Updated 26 Jun 2017 04:35:32 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमेरिकी बिजनेस स्कूल भारत में जटिल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन का अध्ययन कर सकते हैं. एक जुलाई से जीएसटी के क्रियान्वयन से पहले उन्होंने यह सुझाव दिया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पहली बैठक से पहले अमेरिका की शीर्ष 20 कंपनियों के प्रमुखों के साथ रविवार को बातचीत के दौरान मोदी ने कहा,   जीएसटी की दिशा में ऐतिहासिक पहल का क्रियान्वयन अमेरिकी बिजनेस स्कूल में अध्ययन का विषय हो सकता है. 
       
जीएसटी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वर्ष के प्रयास के बाद यह वास्तविकता बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका क्रियान्वयन जटिल कार्य था और यह भविष्य में केस स्टडी का विषय हो सकता है.
         
प्रधानमंत्री ने कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ बातचीत में कहा कि जीएसटी क्रियान्वयन यह बताता है कि भारत बड़े निर्णय कर सकता है और उसे तेजी से लागू कर सकता है. बैठक में एप्पल के सीईओ टिम कुक, गूगल के सुदंर पिचाई, सिसको के जॉन चैंबर्स और अमेजन के जेफ बेजोस समेत अन्य शामिल थे.
       
मोदी ने उनसे कहा कि उनकी सरकार न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के सिद्धांतों पर काम कर रही है.


       
प्रधानमंत्री ने हाल के सुधारों के बारे में बात की और कहा कि केंद्र सरकार ने अकेले 7,000 सुधार शुरू किये हैं. उन्होंने कहा कि यह वैश्विक मानकों के लिये भारत की आकांक्षा को प्रतिबिंबित करता है. उन्होंने कहा कि सरकार का जोर दक्षता, पारदर्शिता, वृद्धि और सबके लाभ पर है.
       
जीएसटी को आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है. यह उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा वैट समेत 16 विभिन्न करों का स्थान लेगा और वस्तुओं एवं सेवाओं की बिना रोक-टोक आवाजाही के लिये भारत को एकल बाजार में तब्दील करेगा.

भाषा


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