हिलेरी ने पाकिस्तान से परमाणु आत्मघाती हमलावर तैयार होने की आशंका व्यक्त की
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ने इस आशंका को लेकर चिंता व्यक्त की है कि पाकिस्तान में जेहादियों की पहुंच यदि परमाणु हथियारों तक हो गई तो वहां से परमाणु आत्मघाती हमलावर तैयार हो सकते हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन (फाइल फोटो) |
द न्यूयार्क टाइम्स ने डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से हैक हुए हिलेरी के एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुये कहा, \'\'हम इस भय में जीते हैं कि वहां एक तख्तापलट होगा, यह कि जेहादी सरकार पर अपना नियंत्रण कर लेंगे, वे परमाणु हथियारों तक पहुंच बनाएंगे और आपको आत्मघाती परमाणु हमलावरों से जूझना पड़ेगा.\'\'
समाचार पत्र ने \'द वाशिंगटन फ्री बीकॉन\' बेवसाइट पर जारी 50 मिनट के ऑडियो का हवाला दिया. समाचारपत्र ने कहा कि अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी ने गत फरवरी में वर्जीनिया में बंद दरवाजे में हुए एक फंड रेजर कार्यक्रम में कहा, \'\'भारत के साथ अपनी शत्रुता जारी रखते हुए पाकिस्तान सामरिक परमाणु हथियार विकसित करने के वास्ते पूरी गति से काम कर रहा है.\'\'
समाचार पत्र ने कहा है कि फंड रेजर कार्यक्रम में परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण पर एक सवाल पर हिलेरी ने परमाणु हथियारों की दौड़ के बारे में बात करते हुये रूस और चीन के साथ साथ पाकिस्तान और भारत का भी नाम लेकर परमाणु हथियारों की उभरती होड़ की चेतावनी दी.
हिलेरी ने कहा, \'\'यह सर्वाधिक खतरनाक कल्पनीय घटनाक्रमों में से एक है.\'\'
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री की इस टिप्पणी का पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ के एक स्थानीय टीवी चैनल के साथ उस साक्षात्कार के मद्देनजर महत्व है. उक्त साक्षात्कार में आसिफ ने भारत के खिलाफ परमाणु हमला करने की धमकी दी थी.
आसिफ ने कहा था, \'\'हमारी सुरक्षा को यदि खतरा हुआ तो हम उनका :भारत का: अस्तित्व मिटा देंगे.\'\' प्रतीत होता है कि अमेरिका ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के आसिफ के हालिया बयानों को गंभीरता से लिया है.
पाकिस्तान के नेता द्वारा दिये गये बयान के संदर्भ में पूछे जाने पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, \'\'परमाणु क्षमता रखने वाले देशों की परमाणु हथियार और मिसाइल क्षमताओं के सिलसिले में संयम बरतने की जिम्मेदारी है.\'\'
इससे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर ने कहा था कि भारत ने आमतौर पर परमाणु तकनीक को लेकर जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है, चीन खुद को पेशेवर के तौर पर पेश करता है, वहीं पाकिस्तान में परमाणु हथियार तनावों के इतिहास से घिरे हुए हैं.\'\'
इस बीच, द वाल स्ट्रीट जर्नल ने \'कंसिक्वेंसेस ऑफ पाकिस्तानी टेररिज्म : रेड्स सिग्नल दैट इंडिया वोंट टॉलरेट मोर अटैक्स इन कश्मीर\' शीषर्क से एक लेख में विचार व्यक्त करते हुये चेतावनी दी गई कि यदि पाकिस्तान अपनी नीतियां जारी रखता है तो उसके तेजी से अलग थलग होने का खतरा है.
समाचारपत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान यदि हिंसा बढ़ने से रोकना चाहता है तो उसे उन आतंकवादी समूहों को बंद करना होगा, जिनका वह लगातार समर्थन करता रहा है. इसमें कहा गया है, \'\'उसे इसकी शुरूआत दो प्रमुख जेहादी संगठनों जैश ए मोहम्मद और लश्करे तैयबा से करनी चाहिए जो पाकिस्तान में खुलेआम संचालित होते हैं और इन हमलों में मुख्य संदिग्ध हैं.\'\'
आतंकवादयों के भारत में घुसपैठ करने की साजिश के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमले के एक दिन बाद समाचार पत्र में प्रकाशित इस लेख में कहा गया है, \'\'संयुक्त राष्ट्र की सूची में आतंकवादी संगठन घोषित होने के बावजूद दोनों संगठनों को इसकी सेना से मदद मिलती है.\'\'
समाचारपत्र ने कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को लगातार पेशकश की है कि वह आतंकवाद को समर्थन करना बंद कर दे तो उसके साथ करीबी आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रखे जा सकते हैं.
इसमें कहा गया कि पाकिस्तान को अपने लोगों का जीवन सुधारने के लिए एक नये दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है.
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