काबोर होंगे बुर्कीना फासो के नये राष्ट्रपति
रॉश मार्क काबोर पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्कीना फासो के नये राष्ट्रपति होंगे. काबोर ने राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में बहुमत से जीत हासिल की है.
रॉश मार्क काबोर |
चुनाव आयोग ने मंगलवार को कोबोर की जीत की घोषणा की.
चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक रविवार को हुए चुनाव में 60 प्रतिशत मतदान हुआ. इस चुनाव में कोबोर ने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को जबरदस्त शिकस्त देते हुए 53.5 प्रतिशत वोट हासिल किये जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पूर्व वित्त मंत्री जेफरिन डियाबरे और अन्य 12 उम्मीदवारों को केवल 29.7 प्रतिशत वोट ही मिल सके.
चुनाव आयोग के अध्यक्ष बारथेलमी केरे ने कहा ‘‘कोबोर को चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है ऐसे में दोबारा चुनाव का कोई औचित्य नही रह गया है. चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण और पारदर्शी रहा.’’
जीत के बाद जश्न मनाते हजारों समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कोबोर ने कहा ‘‘ मैं सबसे पहले इस राष्ट्रपति पद को नमन करता हूं. मुझे जो बड़ी जिम्मेदारी मिली है मैं उसके दबाव को महसूस कर रहा हूं.’’
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता देश के आर्थिक विकास को बढावा देना होगी.
नये राष्ट्रपति के रूप में कोबोर के चयन की घोषणा होते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आये और नाच-गाकर तथा शोर-शराबे के बीच उन्होंने कोबोर की जीत का जश्न मनाया. पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्कीना फासो में तख्तापलट के बाद जिस तरह से लोकतांत्रिक ढंग से सत्ता का हस्तांतरण हुआ है वह दूसरे अफ्रीकी देशों के सामने भी एक उदाहरण है.
बुर्किना फासो पर 27 वर्षों तक ब्लेज कॉमपोर का शासन रहा लेकिन सत्ता पर आगे भी काबिज रहने की कोशिश के लिए जब उन्होंने संविधान में संशोधन करके अपना कार्यकाल बढ़ाने का प्रयास किया तो सेना समर्थित प्रदर्शनकारियों ने अक्टूबर 2014 में उनका तख्तापलट कर दिया. नव निर्वाचित राष्ट्रपति कोबोर ने कॉमपोर के शासन काल में प्रधानमंत्री और नेशनल एसेंबली के प्रमुख के तौर पर काम किया था लेकिन कॉम्पोर के साथ मतभेदों के चलते कोबोर पिछले साल उनसे अलग हो गये और उन्हें विपक्षी दल का गठन किया.
कॉमपोर के तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति मिशेल कफांदो ने अस्थायी रूप से देश की बागडोर संभाली थी. नये राष्ट्रपति के चयन को संवैधानिक अदालत की मंजूरी मिलने और नये राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने के साथ ही कफांदो इस्तीफा दे देंगे. चुनाव में 14 उम्मीदवार खड़े थे.
सितंबर में प्रेजीडेंशियल गार्ड द्वारा तख्तापलट की विफल कोशिश के कारण 11 अक्टूबर को होने वाला चुनाव टाल दिया गया था.
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