लीबिया में अगवा किए गए चार भारतीयों में दो रिहा
लीबिया में अगवा किए गए चार भारतीयों में से दो सुरक्षित तरीके से सिर्ते विश्वविद्यालय पहुंच गए हैं. विदेश मंत्रालय बाकी दोनों की रिहाई के लिए प्रयास कर रहा है.
आईएसआईएस आतंकी (फाइल) |
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं खुश हूं कि हम लक्ष्मीकांत और विजय कुमार को रिहा करा पाए. दो अन्य के लिए कोशिश हो रही है.
इसके पहले त्रिपोली और ट्यूनिस से भारत लौट रहे चार भारतीय अध्यापकों का कथित रूप से इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह (आईएस) ने लीबिया में अपहरण कर लिया.
Four Indians abducted in Libya - I am happy we have been able to secure the release of Lakshmikant and Vijay Kumar. Trying for other two.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 31, 2015
Welcome news from Libya. 2 of the 4 detained Indians brought back safely to University of Sirte. Our efforts continue for the remaining two.
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 31, 2015
सरकार ने बताया कि इनमें से दो अध्यापक हैदराबाद के हैं, एक अध्यापक रायचूर और एक बेंगलुरू का है. चारों भारतीयों को सिर्ते से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जांच चौकी पर रोक लिया गया. यह इलाका आतंकवादी संगठन के नियंत्रण में है.
एमईए के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘‘इनमें से तीन यूनिवर्सिटी ऑफ सिर्ते में फैकल्टी सदस्य हैं और एक अध्यापक जुफरा में सिर्ते यूनिवर्सिटी की शाखा में काम करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अध्यापकों के परिवारों के संपर्क में लगातार बने हुए हैं और उन्हें जल्द छुड़ाने और उनकी सलामती सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे है.’’
स्वरूप ने कहा, ‘‘त्रिपोली में हमारे मिशन को दो दिन पहले, 29 जुलाई को शाम करीब 11 बजे पता चला कि त्रिपोली और ट्यूनिस के जरिए भारत लौट रहे चार भारतीयों का सिर्ते से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर एक जांच चौकी पर अपहरण किया गया. इनमें से दो भारतीय हैदराबाद के रहने वाले हैं जबकि एक भारतीय रायचूर और एक भारतीय बेंगलूरू का है. तीन भारतीय सिर्ते यूनिवर्सिटी में फैकल्टी के सदस्य थे और एक जुफरा में सिर्ते यूनिवर्सिटी की शाखा में काम करते थे.’’
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय त्रिपोली में अपने मिशन के प्रमुख के जरिए मामले संबंधी विस्तृत जानकारी का पता लगा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक फिरौती की कोई मांग नहीं की गई है.
भारत सरकार ने संघर्ष प्रभावित लीबिया में चिंताजनक स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पिछले वर्ष जुलाई में एक परामर्श जारी करके अपने नागरिकों को लीबिया छोड़ने की सलाह दी थी.
यह घटना ऐसे समय हुई है जब इराक में 39 भारतीय लापता है. उन्हें सुन्नी आतंकवादियों और सरकारी बलों के बीच संघर्ष के चरम के दौरान पिछले वर्ष बंधक बनाया गया था और उन्हें रिहा कराने के प्रयासों का अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है.
केन्द्र करे हस्तक्षेप
अपहृत शिक्षक के परिवार वालों ने तुरंत उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए आज केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
सिर्ते विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य गोपीकृष्ण के भाई ने बताया कि परिवार को सूचना मिली है कि लीबिया में उनका अपहरण हो गया है. गोपीकृष्ण सहित चार भारतीयों का लीबिया में अपहरण हुआ है.
शिक्षक के भाई मुरलीकृष्ण ने हैदराबाद में बताया, ‘‘हमें सूचना मिली है कि लीबिया में गोपीकृष्ण का अपहरण हो गया है. हमें उनके ठिकाने की कोई जानकारी नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और उनकी रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं.’’
उन्होंने बताया कि गोपीकृष्ण (39) 2007 से सिर्ते विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे हैं.
गोपीकृष्ण की पत्नी कल्याणी ने बताया, ‘‘उन्होंने (गोपीकृष्ण) 29 जुलाई को मुझसे कहा था कि वह त्रिपोली से ट्यूनिशिया जाएंगे, फिर भारत आएंगे. हालांकि ऐसा लगता है कि उन्हें वीजा संबंधी कोई समस्या हुई जिसके कारण उन्हें सड़क मार्ग से ट्यूनिशिया जाना पड़ा. गुरुवार रात मुझे उनके अपहरण की सूचना मिली.’’
इस बीच मल्कानगिरि जोन के पुलिस उपायुक्त रामा राजेरी आर. ने बताया, ‘‘गुरुवार शाम, गोपीकृष्ण के परिजनों ने स्थानीय पुलिस को उनके लापता होने की सूचना दी. शुक्रवार सुबह उन्होंने बताया कि, उन्हें गोपीकृष्ण के अपहरण की सूचना मिली है.’’
पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘‘हमने उनसे यहां बेगमपेट स्थित दूतावास के अधिकारियों से संपर्क करने को कहा है. हम परिजनों से सूचनाएं एकत्र कर रहे हैं.’’
गोपीकृष्ण के आवास पर पुलिस टीम तैनात की गयी है.
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