आतंकी संगठनों को समर्थन को लेकर पाकिस्तान के दोहरे रवैये से अमेरिका को खतरा

Last Updated 01 Apr 2015 07:51:35 PM IST

आतंकवादी संगठनों को समर्थन करने के पाकिस्तान के दोहरे रवैये से अमेरिका के सुरक्षा संबंधी हितों को खतरा पैदा हो गया है.




पाकिस्तानी आतंकवादी (फाइल)

अमेरिका की दो प्रमुख विशेषज्ञों ने कहा है कि कुछ आतंकवादी संगठनों को पक्षपातपूर्ण ढंग से समर्थन करने के पाकिस्तानी सेना के ‘जोखिम भरे दोहरे रवैये’ से दक्षिण एशिया में आतंकवाद का खात्मा करने के अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी उद्देश्यों को खतरा पैदा हो गया है.
   
‘हेरीटेज फाउंडेशन’ नामक थिंकटैंक में वरिष्ठ शोधार्थी लीजा कर्टिस और विशेषज्ञ हुमा सत्तार ने कहा, ‘‘आतंकवाद का मुकाबला करने को लेकर पाकिस्तान का पक्षपातपूर्ण रवैया उस क्षेत्र में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी उद्देश्यों को कमजोर करता है.’’
   
उन्होंने एक लेख में कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने को लेकर गंभीर है तो उसे सभी आतंकवादी समूहों को लेकर सख्त होना चाहिए और अफगानिस्तान एवं भारत में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे आतंकवादियों से सभी तरह के संपर्क खत्म करने चाहिए.’’
   
दोनों विशेषज्ञों ने साल 2008 के मुंबई हमले के मामले में इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा जकीउर रहमान लखवी को जमानत दिए जाने का हवाला दिया.
   
लीजा और हुमा ने कहा, ‘‘बीते दिसंबर में पेशावर स्थित स्कूल पर तालिबान के जघन्य हमले के दो दिन बाद पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने लखवी को जमानत दे दी. यह चौंकाने वाला घटनाक्रम इसका संकेत हो सकता है कि पाकिस्तानी सेना का भारत को संकेत है कि वह लश्कर-ए-तैयबा को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती रहेगी.’’




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