मलाला ने पाकिस्तान लौटने और राजनीति में शामिल होने की इच्छा जतायी
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी किशोरी सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसूफजई ने राजनीति से जुड़ने और स्वात घाटी में लौटने की इच्छा जतायी.
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई (फाइल फोटो) |
स्वात घाटी में ही तालिबान ने मलाला के सिर में गोली मारी थी.
मलाला ने पाकिस्तान के सरकारी प्रसारक पीटीवी से एक साक्षात्कार में भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेद भुलकर बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने की भी अपील की. उसने एक बार फिर पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों को दिसंबर में होने वाले नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा लेने का न्यौता दिया.
मलाला को 2012 में तालिबान ने गोली मारी थी, जिसके बाद उसे जीवन रक्षक ऑपरेशन के लिए बर्मिंघम ले जाया गया था और वह फिलहाल वहीं अपने परिवार के साथ रह रही है. उसने कहा कि उसकी आत्मा स्वात में ही है और वह पाकिस्तान वापस जाने एवं राजनीति से जुड़ने को आशान्वित है.
पीटीवी के अनुसार उसने कहा, \'\'मेरा विजन जागरूकता फैलाना और लोगों की समस्याएं सुलझाना है. मैं स्थानीय स्तर पर राजनीति कर अनुभव हासिल करने के बाद राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना चाहती हूं.\'\'
मलाला ने कहा, \'\'हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए और एकजुट होने की जरूरत है. राजनीतिक दलों का लक्ष्य लोगों को भोजन एवं शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है.\'\'
उसने कहा कि वह 11 लाख डालर की पुरस्कार राशि का अपना हिस्सा पाकिस्तान में शिक्षा परियोजनाओं पर खर्च करेगी एवं बेहतरीन विद्यालय स्थापित करेगी.
मलाला ने कहा कि वह तो नोबेल पुरस्कार जीतने की उम्मीद भी नहीं कर रह थी. उसने कहा, \'\'मैं रसायन शास्त्र की कक्षा में थी और शिक्षक ने बताया कि मैं नोबेल शांति पुरस्कार जीत गयी हूं. सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी विद्यालय सभागार में जमा हुए और मैं बिल्कुल नर्वस सी थोड़ा ही उनके सामने बोल पायी.\'\'
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