अदालत ने शरीफ को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी याचिका की मंजूर
पाकिस्तान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक याचिका मंजूर कर ली है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल) |
नवाज शरीफ को मनीलाउंड्रिंग के आरोप में संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका अदालत ने उसे दायर करने के 23 साल बाद सुनवाई के लिए मंजूर कर ली.
लाहौर उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति आबिद अजी शेख की पीठ ने दलीलें सुनने के बाद सोमवार को उसे मंजूर कर ली. पीठ ने उस पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश से पांच सदस्यीय वृहत पीठ बनाने का अनुरोध किया.
यह पीठ 1991 से लंबित मुख्य याचिका पर सुनवाई तय करने संबंधी आवेदन पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाकर्ता बैरिस्टर जावेद इकबाल जाफरी ने कहा कि उनकी याचिका पर पांच सदस्यीय पीठ की पिछली सुनवाई के बाद से चार साल गुजर गए. पांच सदस्यीय पीठ के एक सदस्य ने निजी कारणों से उसकी सुनवाई से इनकार कर दिया था जिसके बाद यह पीठ भंग कर दी गयी थी.
जाफरी ने कहा कि नवाज शरीफ ने अवैध तरीकों से धन विदेश भेजकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों ने इस संबंध में उनकी शिकायत से आंखें फेर ली.
वित्त मंत्री इशाक डार ने अदालत में हलफनामा देकर घोषणा की थी कि उन्होंने नवाज शरीफ की भारी रकम अवैध तरीके से दुबई और लंदन भेजी. उन्होंने 1999 में जनरज परवेज मुशर्रफ द्वारा नवाज शरीफ सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद अपना यह अपराध कबूला था. डार के बेटे की नवाज की बेटी से शादी हुई है.
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