दक्षेस देशों ने आतंकवाद, जलदस्यु से मुकाबला करने का संकल्प लिया
दक्षेस देशों ने शुक्रवार को आतंकवाद, जलदस्यु, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और भ्रष्टाचार की साझा चुनौतियों से मुकाबला करने का संकल्प लिया.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव से मुलाकात की. |
दक्षेस देशों आठ सदस्यीय समूह की कानून अनुपालन एजेंसियों के बीच सहयोग को बढ़ाकर इस सब समस्याओं का मुकाबला करने का संकल्प किया.
दक्षेस देशों की आंतरिक एवं गृह मंत्रियों की शुक्रवार को समाप्त हुई छठी बैठक में सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से क्षेत्र में दक्षेस सुशासन विद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया जिसका मकसद सदस्य देशों में सुशासन को प्रोत्साहन देना है.
दक्षेस सचिवालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि क्षेत्र में अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कानून अनुपालन एजेंसियों को मजबूत बनाने एवं उसका विस्तार करने के लिए सहयोग और गठजोड़ बनाया जाए.
सदस्य देशों ने सभी तरह के आतंकवाद, विभिन्न देशों से जुड़े संगठित अपराध, मादक पदार्थों के दुरूपयोग, साइबर अपराध, नौवहन सुरक्षा, जल दस्यु और महिला एवं बच्चों की तस्करी से सामूहिक मुकाबला करने के बारे में विस्तृत चर्चा की.
गृह मंत्रियों ने दक्षेस आतंकवाद अपराध निगरानी डेस्ट (एसटीओएमडी) और दक्षेस मादक पदार्थ अपराध निगरानी डेस्ट (एसडीओएमडी) के बारे में चर्चा की. इसके अलावा दक्षेस बीजा छूट योजना से जुडे विषयों पर भी चर्चा की गई.
बैठक की समाप्ति पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नेपाल के गृह मंत्री बामदेव गौतम ने कहा, ‘‘बैठक में आतंकवाद, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और भ्रष्टाचार से मुकाबला करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई जो दक्षेस देशों के समक्ष साझा चुनौतियां हैं.’’
बैठक का शुभारंभ नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने किया. भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया. पाकिस्तान के गृह मंत्री अपने देश में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए बैठक में हिस्सा लेने नहीं आए.
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