पाक सेना से नहीं मांगी मदद : शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस बात से साफ इन्कार किया कि उन्होंने देश में चल रहे राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए सेना से मध्यस्थता करने की मांग की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो) |
वहीं सेना ने प्रधानमंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा है कि उसे विपक्षी नेताओं से बातचीत करने के लिए सरकार की तरफ से विशेष निर्देश मिले हैं.
इन परस्पर विरोधी बयानों से प्रधानमंत्री के लिए काफी असहज स्थिति पैदा हो गयी है. नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग पर अड़े धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी तथा पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के नेता इमरान खान के साथ सेना प्रमुख की बातचीत हो पायी है. या नहीं अभी यह स्पष्ट नहीं है. लेकिन राजनीतिक संकट का समाधान होने के संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं.
अभी भी हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी राजधानी के प्रमुख स्थान पर अडे हुए हैं.
श्री शरीफ ने नेशनल असेंबली में आज दिए बयान में साफ कहा विरोधी नेताओं के लिए मध्यस्थ की तरह काम करने के सेना के फैसले से मेरा कोई लेना देना नहीं है.सेना ने इस बारे में न तो मुझसे कुछ पूछा है और न ही मैने उससे इस तरह की कोई भूमिका निभाने के लिए कहा है.
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विरोधी नेताओं के सेना अध्यक्ष से मिलने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं.
पाकिस्तान के इतिहास का यह कडवा सच रहा है कि वहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार का सेना ने कयी बार तख्ता पलट किया है.
सेना की राजनीति में प्रभावी दखलंदाजी रही है ऐसे में इन खबरों का सतह पर आना कि मौजूदा राजनीतिक संकट में भी सेना बडी भूमिका निभा सकती है संदेहो से परे नहीं लगता.
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